दशकों बाद नॉन-गांधी नेता के बतौर कांग्रेस अध्यक्ष के चयन के लिए हुए चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे के नकली उम्मीदवार होने के आरोपों का पार्टी नेता जयराम रमेश ने सोमवार को खंडन किया. सोनिया गांधी द्वारा राहुल गांधी के पद छोड़ने के बाद अस्थायी रूप से पार्टी का नेतृत्व करने के लिए सहमत होने के तीन साल बाद काफी विचार विमर्श के बाद चुनाव का आयोजन किया गया, जिसमें शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे सीधे मुकाबले में हैं.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने आखिरी क्षण में अपना नामांकन दाखिल किया, जिन्हें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रेस से बाहर किए जाने के बाद पार्टी के केंद्रीय नेताओं ने सपोर्ट किया. इस कारण कयासों का एक दौर निकल पड़ा कि गांधी परिवार ने खड़गे को मैदान में अपनी सहूलियत देख कर उतारा है और चुनाव में जीत के बाद वो उन्हें अपने हिसाब से चलाएंगे.
हालांकि, एनडीटीवी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में जयराम रमेश ने ऐसी किसी भी तरह की स्थिति को नकार दिया है. उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने भी कर्नाटक में इन सवालों का जबाव देते हुए ऐसी स्थिति से इनकार ही किया है."
उन्होंने कहा, " ऐसी टिप्पणी कांग्रेस के आलोचकों द्वारा किए जाते हैं. लेकिन चुनाव में दो सक्षम व्यक्ति प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं और 9,000 प्रतिनिधि उनके भाग्य का फैसला करेंगे. प्रक्रिया की निगरानी की जा रही है. इसे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव रखने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. एक स्वतंत्र चुनाव प्राधिकरण वाली एकमात्र पार्टी हम ही हैं. "
शशि थरूर के "एक समान चुनाव मैदान नहीं" वाले टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि वो सभी प्रयास किए गए जिससे ये सुनिश्चित हो सके कि चुनाव पारदर्शी हो, जिसमें ना कोई पूर्वाग्रह हो ना कोई पक्षपात." रमेश ने कहा कि आरोप तो आखिरकार आरोप ही हैं.
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