भोजशाला पर हिंदू और मुस्लिम के बाद जैन समाज ने किया दावा, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कही ये बात

जैन समाज ने दावा किया कि भोजशाला में 1875 में खुदाई के दौरान जैन यक्षिणी अम्बिका की मूर्ति निकली थी. वो मूर्ति अभी ब्रिटिश म्यूजियम में सुरक्षित है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
भोजशाला मंदिर था या मस्जिद इसको लेकर लंबे अरसे से विवाद
नई दिल्ली:

भोजशाला पर अब हिंदू और मुस्लिम समाज के बाद जैन समाज ने भी अपना दावा किया है. जैन समाज ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. भोजशाला मामले में मुस्लिम और हिन्दू पक्ष की तरफ से पहले ही दो याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई हैं. जैन समाज ने दावा किया कि भोजशाला में 1875 में खुदाई के दौरान जैन यक्षिणी अम्बिका की मूर्ति निकली थी. वो मूर्ति अभी ब्रिटिश म्यूजियम में सुरक्षित है.

खुदाई में मिली क्या-क्या चीजें

इस मूर्ति के साथ शिलालेख भी सुरक्षित है जो अम्बिका देवी के जैन धर्म से संबंधित होने का प्रमाण है. इसी मूर्ति को हिंदू समाज वाग्देवी सरस्वती कह रहा है. सनातनी हिंदुओं का ये दावा यथार्थ में सत्य नहीं है. इसके अलावा अभी खुदाई के दौरान जैन तीर्थंकरों, देवी देवताओं की मूर्तियां, जैन तीर्थंकरों से संबंधित लांछन, कछुआ, बंदर, शंख और जैन शिल्प और जैन शिलालेख भी मिले हैं. इन तर्कों के आधार पर  उन्होंने कहा कि भोजशाला पर जैन समाज का दावा उचित है.

2000 पन्नों की एएसआई रिपोर्ट की जा चुकी है पेश

इससे पहले 15 जुलाई को 2000 पन्नों की एएसआई रिपोर्ट पेश की गई थी. उच्च न्यायालय ने भोजशाला प्रकरण को लेकर संबंधित पक्षों को सुप्रीम कोर्ट के डायरेक्शन का इंतजार करने को कहा है. हिंदू फोरम फॉर जस्टिस की तरफ से याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने बताया, "मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के जस्टिस धर्माधिकारी और जस्टिस रमन कांत की पीठ ने भोजशाला प्रकरण की सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई अंतरिम रोक को हटाने के लिए हमने एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की है. मामले में 30 जुलाई को सुनवाई होगी. अब 30 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ही हाईकोर्ट फैसला देगा."

Advertisement

क्या है मामला

भोजशाला मंदिर था या मस्जिद इसको लेकर लंबे अरसे से विवाद चल रहा है. यहां मंगलवार को पूजा होती है और शुक्रवार को नमाज अदा की जाती है. यह मामला उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में पहुंचा, जिसने एएसआई को सर्वे का आदेश दिया. एएसआई ने 22 मार्च से सर्वे शुरू किया और 27 जून तक चला. एएसआई ने सर्वे के दौरान खुदाई कराई, इसकी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की गई.  साथ ही इसमें ग्राउंड पेनिट्रेशन रडार (जीपीआर)और ग्लोबल सिस्टम(जीपीएस) की सहायता भी ली गई.

Advertisement

सर्वे के दौरान एएसआई को 1700 से ज्यादा अवशेष मिले. भोजशाला के मंदिर होने का दावा करने वाली भोजशाला मुक्ति यज्ञ के पदाधिकारी ने कहा है कि सर्वे के दौरान एएसआई को जो पुरा- अवशेष मिले हैं, वे भोजशाला के मंदिर होने का प्रमाण हैं. जो 37 मूर्तियां मिली हैंं, उनमें भगवान कृष्ण ,हनुमान, शिव, ब्रह्मा, वाग देवी, गणेश, पार्वती, भैरवनाथ आदि देवी देवताओं की मूर्तियां शामिल हैं.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Mohali Building Collapse News: Basement में अवैध खुदाई से ढह गई बहुमंज़िला इमारत
Topics mentioned in this article