दिल्ली में भी चला बुलडोजर : तोड़ा गया जूस स्टॉल, दुकानदार ने कहा- नगर निगम की मंजूरी थी, लेकिन...

ढाई घंटे में नौ बुलडोजरों ने 20 से अधिक दुकानों, ठेलों और यहां तक ​​कि मस्जिद के बाहरी द्वार को भी गिरा दिया, जो हनुमान जयंती के दौरान हिंसा का केंद्र था.

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जहांगीरपुरी में बुधवार करीब दो घंटे तक चले बुलडोजर चलाए गए और दुकानों को तोड़ा गया.
नई दिल्ली:

दिल्ली के जहांगीरपुरी में बुधवार करीब दो घंटे तक चले बुलडोजर ने गणेश गुप्ता की जूस की दुकान भी तोड़ दी. हालांकि, बुलडोजर की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रोक दिया गया. उन्होंने बताया कि उनका ये स्टॉल निकाय की मंजूरी के साथ चला रहा था. एनडीटीवी से बात करते हुए गुप्ता ने बताया, 'मेरी दुकान मेरे पिता के नाम पर है. मैंने उनसे कागजात देखने के लिए कहा. लेकिन उन्होंने नहीं सुना, उन्होंने दुकान पर बुलडोजर चला दिया.'

किसी भी दुकानदार या स्थानीय लोगों को बिना किसी अग्रिम सूचना के बुलडोजर चलाया गया. जिसे विपक्षी नेताओं ने "अवैध" करार दिया है. ढाई घंटे में नौ बुलडोजरों ने 20 से अधिक दुकानों, ठेलों और यहां तक ​​कि मस्जिद के बाहरी द्वार को भी गिरा दिया, जो हनुमान जयंती के दौरान हिंसा का केंद्र था.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की खबर आने पर भी अधिकारियों ने रुकने से इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें अभी आदेश की कॉपी नहीं मिली है. गुप्ता ने बताया, 'वहां फ्रंट पर कोई अधिकारी नहीं था. मैं उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में बता रहा था, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं था.' जूस की दुकान के मालिक ने दिल्ली भाजपा प्रमुख आदेश गुप्ता के उस दावे का भी खंडन किया कि 'अतिक्रमणकारी और दंगाई अवैध काम में शामिल हैं.'

मंगलवार को, आदेश गुप्ता ने एनडीएमसी मेयर को पत्र लिखकर नगर निकाय से जहांगीरपुरी में "दंगाइयों" के अवैध निर्माण की पहचान करने और बुलडोजर से उन्हें ध्वस्त करने के लिए कहा था. सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं सहित कई लोगों ने तर्क दिया कि उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के बाद दिल्ली में सांप्रदायिक झड़पों के बाद एक समुदाय को निशाना बनाकर बुलडोजर का इस्तेमाल एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति है.

उन्होंने कहा, 'मैं दंगाइयों से जुड़ा नहीं हूं. मेरे पिता 1977 से दुकान चला रहे थे, अब मैं इसे चला रहा हूं. वे कागजात नहीं देखना चाहते थे. यह ठीक है कि आप अवैध निर्माण को ढाहना चाहते है, लेकिन जिनके पास कागजात हैं, उनके साथ ऐसा नहीं करना चाहिए.' आदेश गुप्ता ने एनडीटीवी को बताया कि अतिक्रमण विरोधी अभियान "नियमित" था. उन्होंने कहा, 'अतिक्रमणकारी और दंगाई अवैध काम में शामिल थे. नगर निकाय अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई करता है, हमें कोई नोटिस देने की जरूरत नहीं है.'

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उन्होंने सीपीएम की वरिष्ठ नेता वृंदा करात पर "दंगाइयों को बचाने" की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा, "जो लोग दंगाइयों और अतिक्रमणकारियों को बचाने के लिए अदालत गए थे, उनका आज पर्दाफाश हो गया.'

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