जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान गर्मी में भक्त कैसे रहते हैं 'कूल-कूल', ठंडक देने के लिए किए जाते हैं ये खास इंतजाम

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रविवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू होने के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं. पीएम मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पवित्र रथ यात्रा की शुरुआत पर शुभकामनाएं. हम महाप्रभु जगन्नाथ को नमन करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उनका आशीर्वाद हम पर बना रहे.'

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पुरी:

ओडिशा के पुरी में होनेवाली भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा का शुभारंभ आज से हो रहा है. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को लेकर मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है. रास्तों पर बेहद ही सुंदर रंगोली भी बनाई गई है. यात्रा का हिस्सा बनने के लिए लाखों भक्त यहां एकत्र हुए हैं. जो कि रथों को खींचेंगे. इस गर्मी के मौसम में भक्तों को ठंडक देने के लिए पुरी के प्रशासन ने खासा इंतजाम किए हैं और भक्तों पर पानी की बौछार की जा रही है. साथ में ही सेवा करने वाले लोग पंखे लेकर भी खड़े हैं. ताकि भक्तों को गर्मी न लग सके.

रथों को जगन्नाथ मंदिर के सिंहद्वार के सामने खड़ा किया गया है, जहां से उन्हें गुंडिचा मंदिर ले जाया जाएगा. वहां रथ एक सप्ताह तक रहेंगे. 

इस वर्ष, रथ यात्रा और संबंधित अनुष्ठान जैसे 'नवयौवन दर्शन' और 'नेत्र उत्सव' एक ही दिन यानी आज आयोजित किए जा रहे हैं. ये अनुष्ठान आम तौर पर रथ यात्रा से पहले आयोजित किए जाते हैं.  'नवयौवन दर्शन' से पहले, पुजारी 'नेत्र उत्सव' अनुष्ठान करते हैं, जिसमें देवताओं की आंखों की पुतलियों को नए सिरे से रंगा जाता है.

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ओडिशा सरकार ने यात्रा के सुचारू संचालन के लिए व्यापक व्यवस्था की है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री ने रविवार को श्रद्धालुओं के रथ यात्रा की शुभकामनाएं भी दीं.

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ग्रह-नक्षत्रों की गणना के अनुसार इस साल दो-दिवसीय यात्रा आयोजित की गई है, जबकि आखिरी बार 1971 में दो-दिवसीय यात्रा का आयोजन किया गया था. परंपरा से हटकर, तीन भाई-बहन देवी-देवताओं - भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र से संबंधित त्योहार से संबंधित कुछ अनुष्ठान भी रविवार को एक ही दिन में आयोजित किए जाएंगे.

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