टेलर कन्हैयालाल की हत्या के बाद व्याप्त सांप्रदायिक तनाव और कर्फ्यू के बीच शुक्रवार दोपहर को उदयपुर शहर में भगवान जगन्नाथ की यात्रा शुरू हुई. चांदी के रथ पर भगवान जगदीश की मूर्ति विराजमान है, जुलूस में कुछ धार्मिक झांकियां भी शामिल हैं. युवाओं के कुछ समूह ‘‘जय श्री राम'' के नारे लगा रहे थे. जगन्नाथ यात्रा के लिए प्रशासन की ओर से कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं और तय रूट पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. एसीबी के एडीजी एमएन दिनेश ने बताया कि सब जगह से आईपीएस अधिकारियों को बुलाया गया है. एसटीएफ और आरएसी की टुकड़ी की तैनाती की गई है. यह धार्मिक यात्रा सिटी पैलेस के नजदीक स्थित जगदीश मंदिर से निकलती है और पुराने शहर का भ्रमण करते हुए देर रात वापस मंदिर लौटती है. रास्ते की कई गलियां बेहद संकरी हैं.इस यात्रा के जरिये अशोक गहलोत सरकार यह राजनीतिक संदेश भी देना चाहती है कि सभी समुदायों की 'चिंताओं' का ध्यान रखा जा रहा है. सरकार और प्रशासन की ओर से इस बात की हरसंभव कोशिश की जा रही कि उदयपुर में हालात जल्द से जल्द सामान्य हों.
कोरोना काल के कारण यह यात्रा रुकी हुई थी और अब इसे फिर से शुरू किया है. कर्फ्यू के दौरान लोगों को रोजमर्रा की चीजें खरीदने में दिक्कत न आए, इसके लिए प्रशासन की ओर से इंतजाम किए गए हैं. प्रशासन की ओर से सभी समुदाय से शांति की अपील की जा रही है. इससे पहले, कन्हैया की हत्या के दोनों आरोपियों को कल कोर्ट में पेश किया गया, बाद में इन्हें 14 दिनों की हिरासत में भेज दिया गया. 13 जुलाई तक ये जेल में रहेंगे.
गौरतलब है कि उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की मंगलवार दोपहर को दो मुस्लिम लोगों ने चाकू से हमला कर हत्या कर दी. आरोपियों ने अपराध का ऑनलाइन वीडियो पोस्ट भी पोस्ट किया था. दोनों आरोपियों को घटना के कुछ घंटों बाद राजसमंद के भीम क्षेत्र से पकड़ लिया गया था.
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