जम्मू कश्मीर सुरंग दुर्घटना: नौ और शव बरामद, मृतकों की संख्या 10 हुई, बचाव अभियान समाप्त

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के रामबन जिले में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक निर्माणाधीन सुरंग का हिस्सा ढहने के दो दिन बाद शनिवार को मलबे से नौ और शव बरामद किए गए, जिससे इस दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है.

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खोज के दौरान सुरंग के मुहाने के बाहर भूस्खलन के स्थान से सभी लापता श्रमिकों के शव बरामद कर लिए.
 जम्मू:

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के रामबन जिले में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक निर्माणाधीन सुरंग का हिस्सा ढहने के दो दिन बाद शनिवार को मलबे से नौ और शव बरामद किए गए, जिससे इस दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सभी लापता श्रमिकों के शव बरामद (Bodies Recovered) [होने के साथ ही दो दिन तक चला बचाव अभियान शनिवार देर शाम समाप्त हो गया. घटना के तुरंत बाद गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात बचाव दल ने तीन जीवित लोगों को अस्पताल पहुंचाया था.

इससे पहले अधिकारियों ने कहा था कि निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा परियोजना पर काम शुरू होने के तुरंत बाद ढह गया, लेकिन शनिवार को रामबन के उपायुक्त मस्सरतुल इस्लाम ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के हवाले से कहा कि निर्माणाधीन सुरंग के मुहाने पर टी-4 तक भूस्खलन हुआ. इस्लाम ने ट्वीट किया, ''एनएचएआई (NHI) के स्पष्टीकरण के बाद यह सूचित किया जाता है कि खूनी नाले के पास सुरंग नहीं ढही है. गुरुवार रात को सुरंग के मुहाने पर भूस्खलन हुआ, जिसमें एक कंपनी के मजदूर काम कर रहे थे. बचाव अभियान जारी है.'' शुक्रवार को एक व्यक्ति का शव बरामद किया गया था, जबकि दो स्थानीय लोगों सहित तीन अन्य लोगों को बचा लिया गया और उनकी हालत स्थिर है.

अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को कई घंटे की सघन खोजबीन के बाद एक और शव को बाहर निकाला गया. चट्टानों के नीचे से शव को निकालने में उन्हें दो घंटे से अधिक का समय लगा. बाद में आठ और शवों को बाहर निकाला गया. उपायुक्त ने कहा, 'बचावकर्ताओं ने दिन भर की कड़ी खोज के दौरान सुरंग के मुहाने के बाहर भूस्खलन के स्थान से सभी लापता श्रमिकों के शव बरामद कर लिए. शुक्रवार को एक शव बरामद किया गया था और तीन लोगों को बचा लिया गया था, शनिवार को नौ और शव मिले.''इस्लाम ने कहा कि सभी शवों को पहचान और अन्य कानूनी औपचारिकताओं के लिए एक सरकारी अस्पताल भेज दिया गया है.

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उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस कोष से 25,000 रुपये और कंपनी की ओर से 25,000 रुपये की तात्कालिक अनुग्रह राशि घटना में मारे गए दो स्थानीय मजदूरों के परिजनों को दी जा रही है. उन्होंने कहा कि बाकी मृतकों में पश्चिम बंगाल, नेपाल और असम के मजदूर शामिल हैं.

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अधिकारियों ने बताया कि रामसू थाना प्रभारी नईम-उल-हक सहित 15 से अधिक बचावकर्मी इस दौरान बाल-बाल बच गए. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (रामबन) मोहिता शर्मा ने कहा कि घटना के संबंध में स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है. माकपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक एम वाई तारिगामी ने घटना की न्यायिक जांच और मृतकों के परिजनों को चालीस-चालीस लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है. कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष जी ए मीर ने भी घटना की जांच और मृतकों के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा दिए जाने की मांग की.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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