बेंगलुरू (Bengaluru) को अक्सर भारत की "सिलिकॉन वैली" (Silicon Valley) कहा जाता है लेकिन इन दिनों यहां टेक कंपनियों (Tech Firms) के बड़े-बड़े दफ्तर लगभग खाली नज़र आ रहे हैं. हर दिन कोरोना (Corona)के बढ़ते मामलों को देखते हुए आईटी इंडस्ट्री (IT Industry) ने एक बार फिर काम करने का हाइब्रिड मॉडल (Hybrid Work Model) अपना लिया है. करीब 70% कर्मचारी अब घरों से काम कर रहे हैं. सॉफ्टवेयर बनाने वाली एक कंपनी (Signdesk.com) कई कंपनियों को डॉक्यूमेंटेशन प्रोसेस के डिजिटाइज़ेशन और ऑटोमेशन में मदद करती है. इस कंपनी का अब केवल 30% स्टाफ ही ऑफिस में मौजूद होकर काम कर रहा है. बाक़ी अधिकतर लोगों को घर से काम करने को कहा गया है.
Signdesk.com के सीईओ अभिषेक ससीदरन कहते हैं, "बेंगलुरू में हमारे तीन ऑफिस हैं. हमारा लगभग सभी बड़े शहरों में काम है. अगर आप सारे कर्मचारियों की बात करें तो हम केवल 30-40% क्षमता के साथ काम कर रहे हैं.
लंबे समय बाद पिछले साल दिसंबर में ही TCS और टेक महिंद्रा जैसी बड़ी आईटी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वापस दफ्तर आने को कहा था.
कुछ कर्मचारी 'वर्क फ्रॉम होम' को जहां एक राहत बताते हैं तो कईयों को इंसानी संवाद का अभाव अखरता है.
Signdesk.com में फाइनेंस के हेड दीलीप अडिगा कहते हैं, "आपको अपने साथियों से बात करने को नहीं मिलता. आप केवल ऑनलाइन मीटिंग और कॉल्स पर काम कर रहे होते हो. कोई इंसानी संवाद नहीं. जब आप लोगों से मिलते हो, केवल तभी आपको नए विचार आते हैं. WFH ने हम सभी के लिए यह बहुत मुश्किल बना दिया है."
अपने एक बयान में NASSCOM ने कहा है कि इंडस्ट्री अपनी सेवाओं की जारी डिमांड से सकारात्मक है और हायब्रिड माहौल में बिना रुकावट काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार है."
बेंगलुरू की सायबर सिक्योरिटी स्टार्टअप कंपनी बॉटमैन(Botman)के केवल चार कर्मचारी ऑफिस से काम कर रहे हैं. कंपनी के सह-संस्थापक को लगता है कि हाइब्रिड मॉडल से ऑपरेशन्स में रुकावट आई है.
बॉटमैन के सह-संस्थापक राजा टीएन कहते हैं, "ख़ासतौर से अगर आप एक स्टार्टअप कंपनी हैं, अगर आपकी छोटी टीम है जहां एक साथ काम करना ज़रूरी है वहां नतीजों पर तेजी से पहुंचना ज़रूरी होता है. हमारी छोटी सी टीम की बड़ी ज़िम्मेदारियां हैं. कभी-कभी मुझे लगता है कि घर से ठीक तरह से काम नहीं हो पाता".
वहीं कई कर्मचारी जिनके घर पर छोटे बच्चे हैं उनके लिए WFH एक वरदान साबित हुआ है. देखना होगा कि क्या महामारी के बाद भी ऑफिस से दूर घर से काम करने की संस्कृति टिक पाती है या नहीं.