कानपुर समेत देश के कई शहरों में IT विभाग की रेड, 1500 करोड़ का फर्जी लेन-देन, 70 किलो सोना, 8 करोड़ कैश मिला

IT छापों में एक ऐसे सर्राफा कारोबारी के बारे में जानकारी मिली है जिसने अपने ड्राइवर के नाम पर फर्जी बिल काटकर 200 करोड़ रुपये के जेवर बेचे हैं.

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कानपुर समेत देश के कई शहरों में आईटी की रेड (प्रतीकात्मक चित्र)
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के कानपुर समेत देश के कई शहरों में बीते कुछ दिनों से सर्राफा कारोबारी और रियल स्टेट के कारोबार से जुड़े कई लोगों के ठिकानों पर आयकर विभाग (IT) की रेड चल रही है. सूत्रों के अनुसार IT की रेड बीते कुछ दिनों से कानपुर में अलग-अलग 55 ठिकानों पर पड़ रही है. IT की इस रेड में अभी तक 8 करोड़ कैश और 70 किलो सोना जब्त किया जा चुका है. इसके साथ ही 1500 करोड़ के फर्जी बिल भी IT विभाग के हाथ लगे हैं.

ब्लैक मनी को व्हाइट बनाने का हुआ खुलासा

मिली जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर को टीम ने जब कानपुर में सर्राफा कारोबारी के घर में खड़ी गाड़ी को चेक किया. तो उस गाड़ी के अंदर से 12 किलो सोना बरामद किया गया. अधिकारियों के अनुसार सर्राफा कारोबारी ने अपनी कार की सीट में यह सोना छिपाया हुआ था. IT छापों में एक ऐसे सर्राफा कारोबारी के बारे में जानकारी मिली है जिसने अपने ड्राइवर के नाम पर फर्जी बिल काटकर 200 करोड़ रुपये के जेवर बेचे हैं. इतना ही नहीं, अहमदाबाद में चल रहे छापे में सामने आया है कि राधामोहन पुरुषोत्तम दास ज्वेलर्स ने एक फर्जी कंपनी को 700 करोड़ के माल की बिक्री दिखाई है.ऐसे ही हजारों करोड़ रुपए सफेद करके रियल एस्टेट के कारोबार में भी खपाए जा रहे थे. 

सोना स्मगल कराने का भी अंदेशा

सूत्रों के मुताबिक, सर्राफा व्यापारीयो ने कुछ ऐसे लोगों से सोना खरीदा जिनकी आमदनी के मुताबिक वो इतना सोना रख ही नहीं सकते हैं. ऐसे में इनकम टेक्स अधिकारियों को अंदेशा है कि देश में अवैध तरीके से स्मगल हुआ सोना है, जिसे इन ज्वेलर्स द्वारा खरीदा गया है. ये कारोबारी सोने को कम दामों पर अन्य लोगों के पैन कार्ड और डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल कर खरीदते थे. ऐसे कई लोग आयकर विभाग के संपर्क में आए हैं, जिनके नाम से यह खरीद-फरोख्त हो रही थी और उनको पता तक नहीं था. बाकी कुछ लोगों को इस काम के लिए पैसे दिए जा रहे थे.

टैक्स चोरी का भी लगा आरोप

IT विभास से जुड़े सूत्रों के अनुसार इस छापेमारी में कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जिनके मुताबिक ये व्यापारी आर्टिफिशली घाटे और मुनाफे को मैनिपुलेट करके टैक्स चोरी कर रहे थे. IT विभाग के अधिकारियों के अनुसार रितु हाउसिंग के प्रमोटर संजीव झुनझुनवाला के घर से एक कंप्यूटर हार्ड डिस्क भी मिला है. जिसमें उनके लैंड और ट्रांजैक्शंस की सारी डिटेल हैं और जिन-जिन के साथ उन्होंने इस तरीके का फर्जी कारोबार किया उनका भी नाम लिखा हुआ है. इनकम टैक्स अधिकारियों की मानें तो कुछ बड़े नाम इस रेट में सामने आए हैं जिन पर आने वाले समय पर कार्रवाई हो सकती है. 
 

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