- शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से सफलतापूर्वक अपनी यात्रा पूरी की है.
- इसरो प्रमुख वी नारायणन ने बताया कि गगनयान मिशन का 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है.
- शुभांशु शुक्ला और उनके साथियों ने अमेरिका में मिशन के दौरान देश का गौरव बढ़ाया है.
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के लौटने और गगनयान मिशन पर अब तक हुए काम को लेकर इसरो ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसरो प्रमुख वी नारायणन के साथ शुभांशु शुक्ला भी मौजूद थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इसरो चीफ ने शुभांशु शुक्ला को उनके सफल मिशन के लिए बधाई दी. इस मौके पर शुभांशु शुक्ला ने कहा कि क्रू डैगन में कैसे ट्रैवल करना है इसे लेकर हमे बेहतर ट्रेनिंग दी गई थी. इस मिशन पर मेरा काम मिशन पायलट का था. मुझे कमांडर के साथ मिलकर काम करना था. क्रू ड्रैगन के साथ कुछ होता तो वो मेरा काम था. हमने दो सप्ताह जो ऊपर बीताया उसमें हमें अलग-अलग काम करने थे. हमनें उस दौरान आप लोगों के लिए कई तस्वीरें भी लीं. इस मिशन के लिए हमें अलग-अलग जगह ट्रेनिंग दी गई थी. हम जापान भी गए थे.एक भारतीय नागरिक के तौर पर इस मिशन पर जाना मेरे लिए गर्व की बात थी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शुभांशु शुक्ला के साथ प्रशांत बी नायर भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि मेरे देशवासियों के लिए आप सभी का स्वागत. कुछ महीने बाद दीपावली है. ये वही समय है जब राम जी अयोध्या आए थे. यहां पर मेरे राम शुभांशु शुक्ला हैं.मैं उनका लक्ष्मण हूं. आज हमारे लिए यहां दीपावली की तरह है, जब हमारा स्वागत करने के लिए पूरा देश यहां आया हुआ है. लेकिन याद रखिएगा कि मैं उम्र में भले ही शुभांशु से बड़ा हूं लेकिन मैं अपने इस राम का लक्ष्मण बनने के कभी भी तैयार रहूंगा. ये इसलिए क्योंकि ये इतना प्रोफेशनल हैं.
उन्होंने आगे कहा कि आपको याद रखना चाहिए कि राम जी और लक्ष्मण को वानर सेना की तरफ से मदद मिली थी. यहां हमारी मदद के लिए इसरो की टीम मौजूद थी. इसरो के सभी हनुमान और देवताओं को हमारी तरफ से धन्यवाद. बगैर आपके ये मिशन संभव नहीं था. वहां रहने का हमारा अनुभव भी अनोखा था.
मैं कुल मिलाकर ये कहना चाहता हूं कि सत्य, चित, आनंदम. इसमें सत्य क्या है, सत्य है वो सच जिसकी बदोलत हम ये कर पाए. हमें ये करते हुए बहुत गर्व हो रहा था. चित का मतलब यहां शिवम से है. जब भी भारत कुछ करता है तो हम सबके बारे में सोच करते हैं. जब हम अमेरिका में थे तो सब लोग हमें काफी महत्व दे रहे थे. आखिर में आता है आनंदम, इसका मतलब है सबकुछ बहुत आनंद देने वाला था. शुभांशु ने पहले ही कहा कि भारत ऊपर से देखने में काफी सुंदर दिखा रहा था.
वहीं, इसरो प्रमुख ने गगनयान मिशन को लेकर भी एक बड़ा अपडेट दिया. उन्होंने कहा कि इस मिशन के हर स्तर पर हम तेजी से काम कर रहे हैं. मुझे ये बताते हुए खुशी हो रहा है कि हम इस प्रोग्राम के लिए 80 फीसदी काम पूरा कर चुके हैं. जबकि 20 फीसदी मिशन को अगले साल मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि हमने अपने देश से पहले नागरिक को अंतरराष्ट्रीय स्पेस सेंटर पर भेजा है. शुभांशु शुक्ला हमारे साथ हैं. इस मिशन में इसरो की टीम ने अद्भुत काम किया है. शुभांशु शुक्ला के मिशन की शुरुआत में जब लॉन्चिंग के समय हमें पता चला कि उस रॉकेट में कुछ गड़बड़ी है तो इसरो की टीम ने उस गड़बड़ी को ठीक से देखने की बात कही थी. हमारी बात को मानी गई और उस वजह से सभी चार यात्री सफलता पूर्वक वापस लौट पाए.