तकनीकी कारणों से ISRO ने 'प्रोबा-3' की लॉन्चिंग टाली, अब 5 दिसंबर को शाम 4:16 बजे होगा लॉन्च

'प्रोबा-3' अंतरिक्षयान में पाई गई खामियों के कारण पीएसएलवी-सी59 का प्रक्षेपण बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित किया गया है.

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श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश):

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के समर्पित वाणिज्यिक मिशन, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के प्रोबा-3 अंतरिक्ष यान की लॉन्चिंग को आज रोक दिया गया है. अब इस अंतरिक्ष यान की लॉन्चिंग कल होगी. इसरो ने कहा कि 'प्रोबा-3' अंतरिक्षयान में पाई गई खामियों के कारण पीएसएलवी-सी59 का प्रक्षेपण बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित किया गया है.

44.5 मीटर लंबा रॉकेट लगभग 18 मिनट के सफर के बाद 550 किलोग्राम वजनी प्रोबा-3 उपग्रहों को तय कक्षा में स्थापित करेगा. प्रोबा-3 (प्रोजेक्ट फॉर ऑन बोर्ड ऑटोनोमी) में दो उपग्रह शामिल हैं, जिसमें दो अंतरिक्ष यान एक साथ उड़ान भरेंगे और सूर्य के बाहरी वायुमंडल का अध्ययन करने के लिए एक मिलीमीटर तक सटीक संरचना बनाए रखेंगे.

इसरो ने कहा कि पीएसएलवी-सी59 ईएसए के प्रोबा-3 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने के लिए तैयार है. इसरो की इंजीनियरिंग उत्कृष्टता के साथ एनएसआईएल द्वारा संचालित यह मिशन अंतरराष्ट्रीय सहयोग की ताकत को दर्शाता है.

प्रोबा-3 मिशन क्या है?
प्रोबा 3 में भेजे जाने वाले सैटेलाइट्स आपस में जुड़े हुए होंगे, जिन्हें अंतरिक्ष में अलग किया जाएगा. इसमें दो मुख्य हिस्से होंगे. एक हिस्सा प्रयोगात्मक होगा और दूसरा हिस्सा परिस्थिति उत्पन्न करने का कार्य करेगा. प्रयोगात्मक हिस्से में एक कोरोना ग्राफ होगा, जो सूर्य के कोरोना की तस्वीरें लेगा. दूसरा हिस्सा एक आकल्टर डिस्क होगा, जो करीब 1.4 मीटर आकार का है और 150 मीटर की दूरी से कोरोना ग्राफ के लेंस पर 8 सेंटीमीटर की छवि बनाएगा.

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