इसरो के अपने वैज्ञानिकों को आज सलामी का दिन है. अंतरिक्ष में भारत ने नया इतिहास रचा है. इसरो (ISRO) ने बुधवार तड़के सेंचुरी मारी. देश की जमीं से 100वां रॉकेट सैटलाइट लेकर अंतरिक्ष की तरफ रवाना हुआ. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कामयाबी के साथ अपने इस ऐतिहासिक 100वें मिशन की लॉन्चिंग की. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा (Sriharikota) से GSLV-F15 से NVS-02 नेविगेशन उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजा गया. ISRO ने एक्स पर पोस्ट करते हुए GSLV-F15 के सफलतापूर्वक लॉन्च की जानकारी दी. यह इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन के नेतृत्व में पहला मिशन था. उन्होंने 13 जनवरी को पदभार संभाला है.
इसरो की एक और बड़ी कामयाबी
स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण के साथ भू-समकालीन उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) अपनी 17वीं उड़ान में नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-02 को लेकर दूसरे लॉन्च पैड से बुधवार सुबह छह बजकर 23 मिनट पर लॉन्च हुआ. यह नेविगेशन उपग्रह ‘नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन' (नाविक) श्रृंखला का दूसरा उपग्रह है.
GSLV-F15 के लॉन्च से क्या फायदा
इसका उद्देश्य भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ भारतीय भूभाग से लगभग 1,500 किलोमीटर आगे के क्षेत्रों में उपयोगकर्ताओं को सटीक स्थिति, गति और समय की जानकारी प्रदान करना है. कई सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘27.30 घंटे की उल्टी गिनती सोमवार देर रात दो बजकर 53 मिनट पर शुरू हो गई थी.''
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने दी बधाई
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ट्वीट किया, "100वां प्रक्षेपण: श्रीहरिकोटा से 100वें प्रक्षेपण की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के लिए ISRO को बधाई।. इस रिकॉर्ड उपलब्धि के ऐतिहासिक क्षण में अंतरिक्ष विभाग से जुड़ना सौभाग्य की बात है. टीम ISRO, आपने एक बार फिर GSLV-F15 / NVS-02 मिशन के सफल प्रक्षेपण से भारत को गौरवान्वित किया है. विक्रम साराभाई, सतीश धवन और कुछ अन्य लोगों द्वारा एक छोटी सी शुरुआत से, यह एक अद्भुत यात्रा रही है और पीएम मोदी द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को "अनलॉक" करने और यह विश्वास जगाने के बाद कि "आकाश की कोई सीमा नहीं है" यह एक बड़ी छलांग है."