हिंदू और हिंसा की बात कर क्या राहुल गांधी ने सेल्फ गोल कर दिया, क्या पड़ेगा चुनावों पर असर

राहुल ने लोकसभा में भगवान शिव का चित्र दिखाकर कहा कि शिवजी कहते हैं कि डरो और डरोओ मत.उन्होंने कहा कि शिवजी ये संदेश देते हैं,लेकिन जो अपने आप को हिंदू कहते हैं कि वो 24 घंटे हिंसा की बात करते हैं. आप (बीजेपी) हिंदू नहीं हैं.

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नई दिल्ली:

लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जारी बहस में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने जोरदार भाषण दिया. हालांकि उनके भाषण के एक अंश ने लोकसभा में हंगामा कर दिया. उन्होंने हिंदुओं को लेकर कुछ ऐसा कह दिया, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह तक को हस्तक्षेप करना पड़ा. सत्ता पक्ष ने नेता विपक्ष को हिंदू विरोधी बताते हुए माफी मांगने की अपील की.

राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा क्या है?

राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत में सदन में भगवान शिव का चित्र दिखाया. उन्होंने कहा कि हम सब भगवान शिव की शरण में थे. इसी से हमें ऐसे लोगों से लड़ने में मदद मिली. राहुल ने कहा कि शिवजी ने जहर पी लिया था और वो नीलकंठ हो गए थे,वहीं से हमने सीखा और कई जहर पिए. राहुल दरअसल अपने ऊपर हुए राजनीतिक हमलों का जिक्र कर रहे थे. उन्होंने अपनी संसद सदस्यता छीने जाने का भी जिक्र किया.   

लोकसभा में अपने भाषण के दौरान भगवान शिव का चित्र दिखाते नेता विपक्ष राहुल गांधी.

इस दौरान राहुल ने बीजेपी और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इस्लाम में ये बताया गया है कि पैगंबर कहते हैं कि ईश्वर हमारे साथ हैं,इसलिए डरना नहीं है. उन्होंने कहा कि सिख पंथ के गुरु नानक जी का भी यही संदेश है. राहुल ने भगवान शिव का चित्र दिखाकर कहा कि शिवजी कहते हैं कि डरो और डरोओ मत.उन्होंने कहा कि शिवजी ये संदेश देते हैं,लेकिन जो अपने आप को हिंदू कहते हैं कि वो 24 घंटे हिंसा की बात करते हैं. आप (बीजेपी) हिंदू नहीं हैं.''

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राहुल के बयान पर सत्ता पक्ष का हंगामा

राहुल के इसी बयान पर सत्ता पक्ष ने जमकर हंगामा किया.पीएम नरेंद्र ने सदन में खड़े होकर कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना अपमानजनक है. वहीं बीजेपी ने कहा कि यह पूरे हिंदू समाज को हिंसा करने वाला बताना हुआ. 

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कुछ राजनीतिक विश्वेषक इसे राहुल का गलत समय पर दिया हुआ बयान मान रहे हैं.उनका कहना है कि संसद में इस समय चर्चा के लिए दूसरे कई ज्वलंत मुद्दे हैं, जिस पर चर्चा की जा सकती है. इनमें NEET का मुद्दा प्रमुख है. नीट परीक्षा के पेपर लीक को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. यहां तक की सरकार इस परीक्षा की सीबीआई से जांच भी करा रही है. यह मुद्दा ऐसा है, जिससे देश के लाखों विद्यार्थियों का भविष्य जुड़ा हुआ है.वो इसको लेकर आंदोलन भी कर रहे हैं.ऐसे समय में NEET जैसे मुद्दे को छोड़कj हिंदू के बारे में बात करना कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए सेल्फ गोल साबित हो सकता है.

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लोकसभा कार्यवाही के दौरान हस्तक्षेप करते गृह मंत्रीअमित शाह.

ऐसा नहीं है कि राहुल ने NEET या पेपर लीक का मुद्दा सदन में नहीं उठाया. उन्होंने कहा कि एक प्रोफेशनल स्कीम को आपने कॉमर्शियल स्कीम में तब्दील कर दिया. गरीब मेडिकल कॉलेज नहीं जा सकता, पूरा का पूरा एग्जाम अमीर बच्चों के लिए बनाया है. हजारों करोड़ रुपए बन रहे हैं और कॉमर्शियल पेपर आपने जो बना रखे हैं, 7 साल में 70 पेपर लीक हुए हैं. प्रेसिडेंट एड्रेस में न पेपर लीक की बात होगी न अग्निवीर की बात होगी. हमने एक दिन के डिस्कशन की मांग की, सरकार ने बोला- नहीं,नहीं हो सकता.''

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सरकार ने बोला राहुल पर हमला

हिंदुत्व की राजनीति की पैरोकार बीजेपी ने हिंदुओं को लेकर राहुल के बयान को हवा देनी शुरू कर दी है.सदन में पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने राहुल के बयान पर आपत्ति जताई तो सदन के बाहर कई मंत्रियों ने मोर्चा संभाल लिया है.रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि राहुल गांधी के इस बयान ने पूरे हिंदू समाज का अपमान किया है.वैष्णव का कहना है कि 2010 में तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम ने हिंदुओं को आतंकवादी कहा था. वहीं 2013 में उस समय के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने फिर हिंदुओं को आतंकवादी बताया था तो राहुल ने खुद 2021 में कहा था कि हिंदुत्ववादियों को देश से बाहर निकाल देना चाहिए.आज राहुल गांधी ने पूरे हिंदू समाज को हिंसक और असत्यवादी कहा.

राहुल गांधी को किसका मिला साथ

हालांकि कांग्रेस पार्टी और विपक्षी दल इस मुद्दे पर राहुल गांधी के साथ नजर आ रहे हैं. राहुल के भाषण पर उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा,"हिंदुओं का अपमान नहीं कर सकते. उन्होंने(राहुल गांधी) स्पष्ट बोला है, उन्होंने बीजेपी के बारे में बोला है, बीजेपी के नेताओं के बारे में बोला है."

राहुल गांधी ने यह बयान ऐसे समय दिया है, जब इसी साल तीन राज्यों और कई राज्यों की विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. ऐसे में हिंदुत्व की पैरोकार बीजेपी राहुल के इस बयान को मुद्दा बना सकती है.वहीं लोकसभा चुनाव से उत्साहित कांग्रेस को राहुल के इस बयान से परेशानी उठानी पड़ सकती है.

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