IPO में निवेश करने वालों के लिए खुशखबरी, अब शेयर अलॉटमेंट के लिए नहीं करना होगा लंबा इंतजार

IPO Investment Rules 2023: मार्केट रेगुलेटर SEBI के नए नियमों के मुताबिक, आईपीओ की लिस्टिंग की मौजूदा 6 दिनों (T+6) की डेडलाइन को घटाकर 3 दिन (T+3) कर दिया गया है.

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IPO New Rules 2023: आईपीओ लिस्टिंग की समयसीमा अब घटकर आधी हो जाएगी.(प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली:

IPO Rules: शेयर बाजार (Stock Market) के निवेशकों के लिए एक खुशखबरी खबर है. मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) में निवेश करने के नियमों में बदलाव कर दिया है. ऐसे में अगर आप आईपीओ (IPO) में निवेश करके मोटी कमाई करना चाहते हैं तो आपको ये जानना  बेहद जरूरी है .

शेयर लिस्टेड होने में लगने वाले समय होने जा रहा है कम
नए नियम  के तहत अब इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) का सब्सक्रिप्शन बंद होने के बाद कंपनी के शेयर लिस्टेड होने में लगने वाले समय कम होने जा रहा है. इसके साथ ही आपको अपने शेयर अलॉटमेंट के लिए भी ज्‍यादा इंतजार नहीं करना  पड़ेगा.

आईपीओ की लिस्टिंग की डेडलाइन घटाकर 3 दिन की गई
मार्केट रेगुलेटर SEBI के नए नियमों के मुताबिक, आईपीओ की लिस्टिंग की मौजूदा 6 दिनों (T+6) की डेडलाइन को  3 दिन (T+3) कर दिया गया है. इसका मतलब ये है कि अब जैसे ही कोई IPO सब्सक्रिप्शन के लिए बंद होगा वह 3 दिन के भीतर स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हो पाएगा. इस तरह आईपीओ लिस्टिंग की समयसीमा अब घटकर आधी हो जाएगी.

जानें क्या है (T+3) नियम?
सेबी ने नवंबर 2018 में इश्यू बंद होने के 6 दिनों के भीतर शेयरों को लिस्टेड करने की समयसीमा तय की थी. इस व्यवस्था को 'टी 6' (T+6) नाम दिया गया. इसमें 'टी' पब्लिक इश्यू बंद होने का दिन है. अब इसे टी 3  (T+3) कर दिया गया है. 

शेयर ऑलॉटमेंट न हुआ तो तुरंत मिलेगा रिफंड

सेबी ने कहा कि इस नियम का लाभ निवेशकों को मिलेगा. उन्हें शेयर ऑलॉटमेंट कम समय में हो जाएगा. वहीं, अगर शेयर अलॉट  नहीं हो पाता तो उन्हें तुरंत रिफंड कर दिया जाएगा.
 

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