केरल में तेज बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, तीन जिलों में ‘रेड अलर्ट’ जारी

भारी बारिश के कारण मध्य केरल की कई नदियों में जल स्तर बढ़ गया है, जिससे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के विस्थापित होने का खतरा पैदा हो गया है. 

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भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण पेड़ों के गिरने से कई स्थानों पर घर क्षतिग्रस्त हो गए. (फाइल)
तिरुवनंतपुरम :

केरल के कई हिस्सों में मंगलवार को लगातार तेज बारिश हुई, जिससे बड़े पैमाने पर पेड़ उखड़ गए, घरों को नुकसान पहुंचा और जलभराव हो गया. कोल्लम, अलाप्पुझा, त्रिशूर, कोट्टायम और एर्नाकुलम समेत कई जिलों में बड़े पेड़ उखड़ गए, जिससे कई लोग बाल-बाल बच गए. इन इलाकों में सोमवार रात से तेज बारिश हो रही है. राज्य के कई हिस्सों में पेड़ों के गिरने से बिजली के खंभों को हुए नुकसान के कारण बिजली गुल होने की खबर है. 

भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण पेड़ों के गिरने से कई स्थानों पर घर क्षतिग्रस्त हो गए और व्यस्त कोल्लम-शेनकोट्टई मार्ग पर यातायात अवरुद्ध हो गया. हालांकि, सड़क पर गिरी लकड़ियों को हटाकर वाहनों की आवाजाही बहाल कर दी गई. 

भारी बारिश के कारण मध्य केरल की कई नदियों में जल स्तर बढ़ गया है, जिससे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के विस्थापित होने का खतरा पैदा हो गया है. 

पंबा नदी में जल स्तर बढ़ने के साथ ही पथनमथिट्टा जिले के कुरुम्बनमुझी में एक आदिवासी कॉलोनी के सैकड़ों परिवार फंस गए. मीनाचिल नदी भी उफान पर है, जिससे कोट्टायम जिले के कई इलाकों में रहने वाले लोग चिंतित हो गए हैं. 

बंदरगाह शहर कोच्चि में भारी बारिश के दौरान कई स्थानों पर जल भराव हो गया, जिसके चलते यात्रियों को परेशानी हुई. 

समुद्री उथल-पुथल और तेज हवाओं के बाद तटीय इलाकों को ‘हाई अलर्ट' पर रखा गया है. विशाल लहरों और समुद्र के बढ़ते जल स्तर ने एर्नाकुलम जिले के नयारामबलम में तटीय निवासियों के बीच चिंता पैदा कर दी है. 

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तिरुवनंतपुरम जिले के मुथलापोझी में कुछ मछुआरे उस समय बाल-बाल बच गए जब खराब मौसम के कारण उनकी नाव पलट गई. 

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार के लिए इडुक्की, कासरगोड और कन्नूर जिलों में “रेड अलर्ट” और बाकी 11 जिलों में “ऑरेंज अलर्ट” जारी किया है. 

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भारी बारिश के चलते अधिकारियों ने कुछ जिलों के शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टी घोषित कर दी और नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिए गए हैं. 

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दक्षिणी अलाप्पुझा में भारी बारिश की आशंका है, इसलिए जिला प्रशासन ने स्कूलों सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों और कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी है.

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एहतियात के तौर पर उत्तरी कासरगोड जिले में कॉलेजों को छोड़कर सभी शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टी घोषित कर दी गई. 

जिला प्रशासन ने भूस्खलन के खतरे को देखते हुए लोगों से ऊंचे स्थानों की सड़कों पर अनावश्यक यात्रा करने से बचने की अपील की है. 

कई जगहों पर जलभराव की सूचना को देखते हुए दो दोपहिया वाहन चालकों को राष्ट्रीय राजमार्गों से बचने की सलाह दी गई है. 

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जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि समस्या का जल्द से जल्द समाधान करने के निर्देश जारी किए गए हैं. 

एर्नाकुलम के जिला कलेक्टर के आधिकारिक फेसबुक पेज पर कहा गया है कि जिले में ‘भारी बारिश' को देखते हुए सभी शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टी घोषित कर दी गई है. 

मंगलवार और बुधवार को जिले में जारी 'ऑरेंज अलर्ट' को देखते हुए एर्नाकुलम में खनन और भूविज्ञान विभाग ने सभी प्रकार के खनन और संबंधित कार्यों को रोकने का आदेश दिया. 

पथनमथिट्टा में बारिश के कारण किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला कलेक्टरेट और तालुक कार्यालयों में विशेष नियंत्रण कक्ष शुरू किए गए हैं, जो 24 घंटे काम करेंगे. 

अधिकारियों ने बताया कि निकटवर्ती कोट्टायम जिले के सभी तालुकों में भी पूरी रात भारी बारिश हुई है. आसमान में बादल छाए हुए हैं और कई जगहों पर बारिश जारी है. 

मौसम विज्ञानियों के अनुसार, अगले पाच दिनों के दौरान कुछ क्षेत्र में हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान है. एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मंगलवार और बुधवार को केरल में विभिन्न स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है. 

दक्षिणी राज्य में भारी बारिश के चलते सोमवार को एक लड़की की मौत हो गई जिसके बाद मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने लोगों को नदियों के नजदीक और पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा न करने की सलाह दी है. 

रेड अलर्ट के दौरान 24 घंटे में 20 सेंटीमीटर तक और ऑरेंज अलर्ट में छह से 20 सेंटीमीटर बारिश की संभावना रहती है. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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