किरीट सोमैया के खिलाफ जांच जारी है, कानून के हिसाब से होगी कार्रवाई : महाराष्ट्र गृहमंत्री

किरीट सोमैया के वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि जब राज्यपाल के पास गए थे लेकिन तब राज्यपाल के पास ऐसा कोई अकाउंट नहीं था जिसमें आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए पैसे इस्तेमाल हो सके. आज भी नहीं है. इसलिए अपनी पार्टी में पैसे जमा कर दिए.

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किरीट सोमैया को लेकर महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने दिया बयान
नई दिल्ली:

INS विक्रांत (INS Vikrant) को बचाने के मामले में बीजेपी नेता किरीट सोमैया (BJP Leader Kirit Somaiya) और उनके बेटे नील पर मुंबई पुलिस ने पिछले दिनों 58 करोड़ रुपये के गबन का मामला दर्ज किया था. सेशन कोर्ट ने सौमैया की अग्रिम जमानत की अर्जी आज खारिज कर दी है. दरअसल, वरिष्ठ वकील ऋषिकेश मुंदरगी ने किरीट सोमैया और उनके बेटे नील सोमैया की तरफ से पैरवी की. इस दौरान उन्होंने कोर्ट को बताया कि साल 2013 में INS विक्रांत को बचाने के लिए जो मुहिम शुरू की गई थी, उसके तहत सिर्फ 11 हजार रुपये ही इकट्ठा किए गए थे.

वहीं महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने भी किरीट सोमैया को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सोमैया के खिलाफ गृह विभाग ने एफआईआर दर्ज की है.  इसे लेकर जांच की जा रही है, जैसे ही कोई जानकारी मिलती है, जो कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, वो की जाएगी. शरद पवार के घर पर हुए हमले को लेकर उन्होंने कहा कि कुछ कमी रहने के कारण ये हादसा हुआ. मानखुर्द और मलाड में हुई हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कश्मीर फाइल्स फिल्म और साथ ही हिन्दू मुस्लिम के बीच मतभेद की कोशिश हो रही है, ऐसा अंदाजा है. हम इसकी जांच कर रहे हैं. रामनवमी पर जो भी घटना घटी, उसका सच क्या है, ये जानने की कोशिश की जा रही है.

मुंदरगी ने बताया कि तब आईएनएस विक्रांत को बचाने में राज्य सरकार और बीएमसी भी शामिल थी. अब 9 साल बाद उसमें मामला दर्ज किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस मामले में 58 करोड़ वसूली की बात गलत है. उन्होंने आरोप लगाया कि ये मामला राजनीतिक मकसद से दायर किया गया है लेकिन हम जांच में सहयोग करने को तैयार हैं. उन्होंने अदालत से गिरफ्तारी से राहत देने की भी मांग की. मुंदरगी ने कहा कि इस तरह की मुहिम अकेले की नहीं बल्कि पार्टी की होती है. उन्होंने कहा कि हमने पार्टी के पास पैसा जमा कर दिया था.

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किरीट सोमैया के वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि जब राज्यपाल के पास गए थे लेकिन तब राज्यपाल के पास ऐसा कोई अकाउंट नहीं था जिसमें आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए पैसे इस्तेमाल हो सके. आज भी नहीं है. इसलिए अपनी पार्टी में पैसे जमा कर दिए.

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