मराठी साहित्य सम्मेलन में पत्रकार गिरीश कुबेर पर फेंकी स्याही, नेताओं ने की निंदा

94वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में रविवार को एक संगठन के संदिग्ध कार्यकर्ताओं ने वरिष्ठ पत्रकार व लेखक गिरीश कुबेर (Girish Kuber) पर स्याही फेंक दी.

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शरद पवार और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर इस घटना की निंदा की
मुंबई:

महाराष्ट्र (Maharashtra) में आयोजित 94वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में रविवार को एक संगठन के संदिग्ध कार्यकर्ताओं ने वरिष्ठ पत्रकार व लेखक गिरीश कुबेर (Girish Kuber) पर स्याही फेंक दी. इस घटना की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार (Sharad Panwar) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने निंदा की. इसके पीछे संभाजी ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि वे कुबेर की पुस्तक में छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में दिए गए कुछ संदर्भों से नाराज थे.

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कुबेर आज यहां कुसुमाग्रज नगरी पहुंचे, जहां साहित्यिक सम्मेलन चल रहा है. उनका एक संगोष्ठी में भाग लेने का कार्यक्रम है. जब वह मुख्य पंडाल के मंच के पीछे खड़े थे तो दो-तीन अज्ञात व्यक्ति उनके पास आए और स्याही फेंक दी, जो उनके चेहरे, बालों और कमीज पर गिरी. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों पर भी कुछ स्याही गिरी. इस घटना के बाद इलाके में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है. शरद पवार और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर इस घटना की निंदा की. इससे पहले दिन में नासिक में साहित्य सम्मेलन में शिरकत करने वाले पवार ने कहा कि एक लेखक पर उसके काम के विरोध में हमला किया जाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सिद्धांत पर हमले के समान है.

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उन्होंने कहा, ''''मैं इस घटना की निंदा करता हूं, जो महाराष्ट्र की छवि के अनुकूल नहीं है.''राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी" प्रमुख ने कहा कि उन्होंने कुबेर की किताब पढ़ी है. उन्होंने कहा, ''''हालांकि इस किताब के कुछ हिस्सों को लेकर विवाद है, लेकिन कुबेर को भी अपनी बात रखने का अधिकार है. जो लोग उनके विचारों से असहमत हैं, उन्हें भी उनका विरोध करने का अधिकार है, लेकिन इस तरह का हमला स्वीकार्य नहीं है.'''' महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने कहा कि छत्रपति संभाजी महाराज के खिलाफ लिखी गई किसी भी बात की निंदा की जानी चाहिए, लेकिन एक साहित्य सम्मलेन के दौरान स्याही फेंकना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा, ''अगर तथ्यात्मक रूप से कुछ गलत है, तो तथ्यों और सबूतों के साथ उसका जवाब देना चाहिये.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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