वायुसेना के जोधपुर एयरबेस में 3 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना में देश मे बना पहला हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर शामिल होगा . पहली यूनिट में 10 एलसीएच शामिल होंगे. इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी भी शामिल होने वाले हैं. इस हेलीकॉप्टर को हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड यानि एचएएल ने बंगलूरू में बनाया है. करीब 6 टन वजनी इस हेलीकॉप्टर की खासियत है कि ये पहाड़ी इलाके में आसानी से अपनी फुल कैपेसिटी में मिसाइल और दूसरे हथियारों के साथ ऑपरेट कर सकता है. साथ ही यह दुश्मन के राडार से भी आसानी से बचा रह सकता है. इसके बॉडी और रोटर्स ऐसे बनाए गए हैं जिनपर गोली का कोई खास असर नही होगा.
इसे आप सियाचिन से लेकर रेगिस्तान तक के अलावा समुद्र में भी तैनात कर सकते हैं. यह आगे से बहुत पतला है ताकि इसपर हवा का दवाब कम रहे. और इसकी स्पीड पर कुछ असर ना पड़े. अभी तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक इसकी टॉप स्पीड करीब 270 किलोमीटर प्रतिघंटा है. इस हेलीकॉप्टर में फाइटर प्लेन की तरह ही दो पायलट आगे पीछे बैठते हैं. जबकि सामान्य हेलीकॉप्टर में दो पायलट अगल बगल बैठते हैं.
फिलहाल वायुसेना के पास रूस में बने एमआई 35 और अमेरिका से खरीदे गए अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर हैं. जरूरत के मुताबिक इसमे हवा से हवा या फिर हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल लग सकती है. चूंकि इस हेलीकॉप्टर का डिजाइन से लेकर प्रोडक्शन तक देश मे ही हुआ है इसलिए इसमे आगे चलकर इसमे सुधार भी आसानी से किया जा सकता है .
उन्होंने बताया कि 5.8 टन वजन के और दो इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर से पहले ही कई हथियारों के इस्तेमाल का परीक्षण किया जा चुका है. गौरतलब है कि इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की बैठक में, स्वदेश विकसित 15 एलसीएच को 3,887 करोड़ रुपये में खरीदने की मंजूरी दी गई थी. रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना के लिए और पांच थल सेना के लिए होंगे.
अधिकारियों ने बताया कि एलसीएच ‘एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर' ध्रुव से समानता रखता है. उन्होंने बताया कि इसमें कई में ‘स्टील्थ' (राडार से बचने की) विशेषता, बख्तर सुरक्षा प्रणाली, रात को हमला करने और आपात स्थिति में सुरक्षित उतरने की क्षमता है.