कोरोना की दूसरी लहर से देश की इकोनॉमी पर बुरा असर, रेटिंग एजेंसी CRISIL ने दी चेतावनी...

क्रिसिल दूसरी भारतीय रेटिंग एजेंसी है जिसने पहले अनुमानित जीडीपी दर में गिरावट का अंदेशा जताया है.

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कोरोना की दूसरी लहर के कारण देश के कई राज्‍यों में लॉकडाउन लागू किया गया है (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्ली:

कोरोना महामारी ने देश की इकोनॉमी को भी बुरी तरह प्रभावित किया है. बुधवार से लगभग पूरे दक्षिण भारत में लॉकडाऊन लग जाएगा. आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण  देश के बड़े राज्यों में लॉकडाऊन लगने से बिजनेस और इकोनॉमी पर बुरी असर पड़ रहा है. रेंटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपने ताज़ा रिपोर्टमें कहा है भारत की सकल घरेलू उत्‍पाद (GDP) विकास दर पहले के अनुमानित 11% से 8.2% तक गिर सकती है. कोरोना के बढ़ते संकट से निपटने के लिए मंगलवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने बुधवार सुबह 10 बजे से पूरे राज्य में 10 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया है. अब तेलंगाना के अलावा आर्थिक लिहाज से महत्वपूर्ण तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक समेत लगभग पूरा दक्षिण भारत अगले कुछ दिन लॉकडाउन में रहेगा.

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इस लॉकडाउन का असर अर्थव्यवस्था पर गहराता जा रहा है. भारतीय अर्थव्यवस्था पर नज़र रखने वाली संस्था CRISIL ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में आगाह किया है कि अगर मई 2021 के अंत तक कोरोना की लहर चरम (पीक) पर पहुँचती है तो जीडीपी की विकास दर अनुमानित 11% से गिरकर 9.8% रह जाएगी. रिपोर्ट में आगे यह भी कहा गया है कि अगर कोरोना की लहर जून 2021 के अंत तक चरम (पीक) तक पहुंचेगी तो जीडीपी विकास दर अनुमानित 11% से गिरकर सिर्फ 8.2 % रह जाएगी. क्रिसिल के मुताबिक, पहली लहर के मुकाबले कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लॉकडाउन की सख्‍ती कम है लेकिन उसकी फ्रीक्वेंसी ज्यादा है. रेटिंग एजेंसी ने जीडीपी की बेस फोरकास्ट को 11% पर बहाल रखा है लेकिन उसके नीचे गिरने का अंदेशा जताया है. 

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फेडरेशन ऑफ इंडिया माइक्रो एंड स्‍मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (Federation of Indian Micro and Small and Medium Enterprises) यानी  FISME के सेक्रेटरी जनरल अनिल भारद्वाज ने NDTV से कहा, 'कोरोना की जो दूसरी लहर चल रही है उसने स्माल और मध्यम इंटरप्राइजेज को बहुत बुरी तरह से प्रभावित किया है.अगर एक-एक महीने का लॉकडाउन लगाया गया है तो MSME यूनिट्स पेमेंट्स कैसे कर पाएंगी, वर्कर्स का कैसे पेमेंट कर पाएंगी. क्रिसिल दूसरी भारतीय रेटिंग एजेंसी है जिसने पहले अनुमानित जीडीपी दर में गिरावट का अंदेशा जताया है. इससे पहले इंडिया रेटिंग्स & रिसर्च ने कहा कि अगर मई के मध्य तक कोरोना के मामले घटने लगे तो जीडीपी विकास दर घटकर 10.1% रह जाएगी. ज़ाहिर है, कोरोना संकट के बादल अर्थव्यवस्था पर गहराते जा रहे हैं.

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