वाराणसी में देश की पहली हाइड्रोजन वाटर टैक्सी की शुरुआत, सोनोवाल बोले- प्रदूषण मुक्त भारत की दिशा में ये बड़ा कदम

सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि नेशनल हाइड्रोजन मिशन के तहत देश में हरित क्षेत्र बढ़ाने और प्रदूषण को कम करने को लेकर सभी मंत्रालय दिन-रात काम कर रहे हैं. इसी के तहत ग्रीन ट्रांसपोर्ट को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.

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  • केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने वाराणसी में हाइड्रोजन से चलने वाली वाटर टैक्सी का उद्घाटन किया है
  • हाइड्रोजन वाटर टैक्सी मेक-इन-इंडिया प्रोजेक्ट के तहत बनी है और पहली बार वाराणसी में लॉन्च की गई है
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वाराणसी का विकास हुआ है और काशी विश्वनाथ धाम को नया रूप मिला है
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वाराणसी:

केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने शनिवार को वाराणसी में हाइड्रोजन से चलने वाली वाटर टैक्सी का उद्घाटन किया. इस दौरान एनडीटीवी से बात करते हुए सोनोवाल ने कहा कि वाराणसी अब पर्यटन के नजरिए से दुनिया का केंद्र बिंदु बन गया है. यहां हाइड्रोजन से चलने वाली वाटर टैक्सी की शुरुआत से न सिर्फ स्थानीय लोगों, बल्कि यहां आने वाले देश विदेश के पर्यटकों को भी फायदा होगा.

बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वाराणसी में बहुत विकास हुआ है. उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम को भी नया रूप दिया है. इस वजह से काशी में पर्यटन और व्यापार काफी बढ़ा है. उन्होंने बताया कि ये मेक-इन-इंडिया के तहत देश में ही बनाया गया है और पहली बार वाराणसी में ही लॉन्च किया गया है.

सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि नेशनल हाइड्रोजन मिशन के तहत देश में हरित क्षेत्र बढ़ाने और प्रदूषण को कम करने को लेकर सभी मंत्रालय दिन-रात काम कर रहे हैं. इसी के तहत ग्रीन ट्रांसपोर्ट को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. पीएम के दिशा-निर्देशों पर ही आज वाराणसी से इसकी शुरुआत की गई है.

उन्होंने कहा कि प्रदूषण मुक्त भारत की दिशा में ये एक बहुत बड़ा कदम है. हाइड्रोजन से चलने वाली वाटर टैक्सी से किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं होता है. इसमें ना तो कोई आवाज है और ना ही किसी तरह का धुंआ निकलता है. ऐसे में लोग इससे सफर का आनंद ले सकते हैं. मंत्री ने कहा कि ये सफर सिर्फ वराणसी तक ही सीमित नहीं रहेगा. इसे दूसरे शहरों से भी जोड़ा जाएगा. निकट भविष्य में इसे हल्दिया तक आगे बढ़ाने का प्लान है.

सोनोवाल ने कहा कि काशी में ऐसी और भी वाटर टैक्सी चलाई जाएगी. जिससे प्रदूषण मुक्त गंगा और प्रदूषण मुक्त बनारस के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी. साथ ही प्रदूषण मुक्त भारत की दिशा में भी ये बहुत बड़ा कदम होगा.