रामायण सर्किट ट्रेन (Ramayana Circuit Train) के वेटरों को संतों की वेशभूषा पहनाने पर हुए विवाद के बाद रेलवे ने उनका ड्रेस कोड (Dress Code) बदल दिया है. संतों ने इसकी जानकारी मिलने के बाद ट्रेन रोकने की धमकी दी थी और रेल मंत्री को पत्र लिखा था. हाल ही में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गईं रामयण सर्किट ट्रेन में वेटर की वेशभूषा को लेकर विवाद बढ़ा था. इसके बाद ड्रेस कोड में बदलाव कर दिया गया है.सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे एक वीडियो में ट्रेन के अंदर काम करने वाले वेटर संतों की वेशभूषा में दिखाई दे रहे थे. इसको लेकर उज्जैन में रहने वाले संतो ने कड़ी आपत्ति जताई थी.रेल मंत्री को पत्र लिख कर विरोध भी दर्ज कराया गया था. 12 दिसंबर को शरू होने वाली अगली ट्रेन को रोकने की धमकी भी दी गई थी. मालूम हो कि अयोध्या, चित्रकूट समेत भगवान राम से जुड़े धार्मिक स्थलों की यात्रा कराने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे ने IRCTC के माध्यम से रामायण एक्सप्रेस ट्रेन शुरुआत की थी. धार्मिक यात्रा से जुडी इस ट्रेन में श्रद्धालुओं को खाना ट्रेन के अंदर ही परोसा जा रहा है.
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कुछ लोग साधु की वेशभूषा में नजर आ रहे हैं जो की खाना परोस रहे थे. इसको लेकर दावा किया जा रहा था कि ये रामायण सर्किट ट्रेन का वीडियो है और ये सभी ट्रेन के वेटर हैं, जो इस लुक में यात्रियों को खाना परोस रहे हैं.
परमहंस अखाडा परिषद् के पूर्व महामंत्री अवधेशपूरी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि संतो की वेशभूषा वेटरों को पहनाई गई है, जो की साधू समाज का अपमान है. जल्द ही इसकी वेशभूषा को बदला जाए वरना 12 दिसंबर को निकलने वाली ट्रेन का संत समाज विरोध करेगा. ट्रेन के सामने हजारो हिन्दुओं को लेकर प्रदर्शन करेंगे. हालांकि रेलवे ने ड्रेस कोड में बदलाव कर दिया है.
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