सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से गुरुवार (31 अगस्त) को देश की जीडीपी (GDP G से जुड़े आंकड़े जारी किए गए. साझा किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून तिमाही के लिए भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो गया. इससे पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही थी.
भारतीय रिजर्व बैंक ने अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था. इससे पहले वित्त वर्ष 2023 में देश की जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी रही थी.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार हालांकि जुलाई में कोर सेक्टर की वृद्धि दर पिछले महीने के 8.3 प्रतिशत की तुलना में कम रही. आठ क्षेत्रों की उत्पादन वृद्धि भी अप्रैल-जुलाई 2023-24 में घटकर 6.4 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी अवधि में 11.5 प्रतिशत थी.
कोयला, कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में वृद्धि से आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की वृद्धि दर जुलाई 2023 में बढ़कर आठ प्रतिशत हो गई, जो पिछले साल इसी महीने में 4.8 प्रतिशत थी. आंकड़ों से पता चलता है कि इस्पात, सीमेंट और बिजली का उत्पादन भी जुलाई महीने में बढ़ा.
क्या है जीडीपी?
GDP यानी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (सकल घरेलू उत्पाद) किसी एक साल में देश में पैदा होने वाले सभी सामानों और सेवाओं की कुल वैल्यू को कहते हैं. जीडीपी आर्थिक गतिविधियों के स्तर को दिखाता है और इससे यह पता चलता है कि किन सेक्टरों की वजह से इसमें तेज़ी या गिरावट आई है.
भारत में सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफ़िस (CSO) साल में चार बार (तिमाही के रूप में) जीडीपी का आकलन करता है. हर साल यह सालाना जीडीपी ग्रोथ के आँकड़े जारी करता है. माना जाता है कि भारत जैसे कम और मध्यम आमदनी वाले देश के लिए साल दर साल अधिक जीडीपी ग्रोथ हासिल करना ज़रूरी है, ताकि देश की बढ़ती आबादी की ज़रूरतों को पूरा किया जा सके. जीडीपी से एक तय अवधि में देश के आर्थिक विकास और ग्रोथ का पता चलता है.
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