पाकिस्तान की जेल से चार साल बाद रिहा हुए भारतीय मछुआरों ने स्वदेश वापसी पर खुशी जताई है. इन मछुआरों ने जेल में रहने के दौरान अपने परिवारों को वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी दिया है. गौरतलब है कि करीब 20 भारतीय मछुआरों को इनकी सजा की अवधि पूरी होने पर कराची की जेल से रिहा गया. इन्हें से ज्यादातर को लांधी डिस्ट्रिक्ट जेल मालिर, कराची से रिहा गिया गया. पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, इनमें से ज्यादातर को चार साल पहले अरेस्ट किया गया था और कारावास की सजा सुनाई गई थी.
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15 नवंबर को यह सभी 20 मछुआरे अटारी-वाघा बॉर्डर केर रास्ते से भारत पहुंचे. न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए एक मछुआरे ने इनके परिवार को वित्तीय सहायता मुहैया कराने के लिए पीएम मोदी की जमकर प्रशंसा की. रविंद्र सिंह ने कहा, 'हमें समंदर में पकड़ा गया था और चार साल लांधी जेल में रखा गया. जेल में रहने के दौरान हमारे परिवार को 9000 रुपये की सहायता उपलब्ध कराने के लिए हम मोदी सरकार को धन्यवाद देते हैं. ' उन्होंने कहा कि वतन लौटकर हम बेहद खुश हैं और इसी खुशी को बयां नहीं कर सकते.
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एक अन्य मछुआरे ने कहा कि चार साल के बाद परिवार से मिलने को लेकर वह बेहद उत्साहित हैं. Samaa टीवी के अनुसार, लांधी जेल के अधिकारियों ने बताया है कि 588 भारतीय मछुआरे अभी भी जेल में बंद हैं और इसमें से ज्यादातर मछुआरे हैं. गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान समुद्री सीमा के उल्लंघन के आरोप में एक-दूसरे के मछुआरों को गिरफ्तार करते रहते हैं. इस बीच, भारत ने 8 नवंबर को पाकिस्तान उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी को तलब किया और पाकिस्तान की ओर से भारतीय मछुआरों पर अकारण फायरिंग को लेकर विरोध जताया.