- रिजर्व बैंक सितंबर-अक्टूबर में ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है, जिससे मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी.
- आरबीआई ने इस वर्ष फरवरी से लगातार ब्याज दरों में कटौती की है, जिससे आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुईं हैं.
- जीएसटी सुधार के तहत टैक्स स्लैब घटाकर दो किए गए और कई आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स शून्य कर दिया गया है.
GST 2.0 के बचत उत्सव के बाद देश के मध्यम वर्ग को एक और बड़ा तोहफा दिवाली और दशहरे के पहले मिल सकता है. संभावना है कि रिजर्व बैंक ब्याज दर में 0.25 फीसदी की और कटौती करे. इससे आपका होम लोन, बाइक लोन या पर्सनल लोन सस्ता हो सकता है. रिजर्व बैंक इस साल ब्याज दर में 1 फीसदी की कटौती पहले ही कर चुका है. मौद्रिक नीति समीक्षा की अगली बैठक 29 सितंबर से 1 अक्टूबर तक होगी. SBI की रिसर्च रिपोर्ट में ये संभावना जताई गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर में ब्याज दरों में कटौती करना उचित और तर्कसंगत है. इसके लिए आरबीआई सोच-समझकर संवाद करके फैसला ले सकता है. जून के बाद ब्याज दरों में कटौती की संभावना अधिक नजर आ रही है.
सितंबर में ब्याज दरों में कटौती न करके तटस्थ रुख रखने की संभावना कम है. मुद्रास्फीति यानी महंगाई वित्त वर्ष 2026-27 में भी नरम बनी रहने की संभावना है. जीएसटी में कटौती के बिना यह सितंबर और अक्टूबर में 2% से नीचे चल रही है. ऐसे में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़े अगले वित्त वर्ष में भी ज्यादा चिंताजनक नहीं रहने के आसार हैं.
रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में कटौती का क्रम इस साल फरवरी में शुरू किया था. आरबीआई ने 7 फरवरी 2025 को 25 आधार अंकों की कटौती कर 6.5% से 6.25 प्रतिशत कर दी थी. मौद्रिक नीति समिति ने 9 अप्रैल को 25 आधार अंकों की और कटौती की और 6 जून 2025 को 50 आधार अंकों की कटौती की.
हर कोई भारत के विकास की कर रहा बात
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के शोध प्रमुख-संपदा प्रबंधन सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘भारतीय शेयर बाजार में धीरे-धीरे तेजी जारी रहने की संभावना है। इस सप्ताह, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कटौती के बाद उपभोग बढ़ने की उम्मीद, अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती की सभावना और अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता को लेकर धारणा में सुधार से समर्थन मिला.''
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगले 12 महीनों में म्यूचुअल फंड और एसआईपी की निरंतर भागीदारी के चलते भारत में इक्विटी में 50-70 अरब डॉलर का नया निवेश होने की उम्मीद है. फर्म ने कहा कि विदेशी निवेशकों की स्थिति कई वर्षों के निचले स्तर पर होने के बावजूद, भारत वैश्विक बाजारों में सबसे मजबूत संरचनात्मक विकास की कहानी बना हुआ है. अपनी लेटेस्ट 'ग्रीड एंड फियर' रिपोर्ट में जेफरीज ने 2025 को भारतीय इक्विटी के लिए हेल्दी कंसोलिडेशन का वर्ष बताया है.
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 12 सितंबर को समाप्त सप्ताह में 4.7 अरब डॉलर बढ़कर 702.97 अरब डॉलर हो गया है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी थी. इसके एक सप्ताह पहले देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 4.04 अरब डॉलर बढ़कर 698.27 अरब डॉलर रहा था. जीएसटी दरों में सुधार ने घरेलू बाजार को नई ताकत दी है.
जीएसटी 2.0 दे रहा भरोसा
जीएसटी फ्रेमवर्क के अंतर्गत टैक्स स्लैब की संख्या चार (5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत) से घटकर दो (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) रह गई है. इसके साथ ही सरकार ने कई ऐसी चीजों पर टैक्स को घटाकर शून्य कई दिया है, जिन पर पहले 5, 12 या 18 प्रतिशत का टैक्स लगता था. वहीं, लग्जरी गुड्स पर 40 प्रतिशत का टैक्स निर्धारित किया गया है. आज से ये चीजें हो रहीं सस्ती..
- ये हो रहा सस्ता: जीएसटी सुधार के तहत सोमवार से अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (यूएचटी) मिल्क, पनीर, छेना (प्री-पैकेज्ड और लेबलड), पिज्जा ब्रेड, खाखरा, चपाती या रोटी, पराठा, कुल्चा और अन्य ब्रेड पर जीएसटी की दर घटकर शून्य हो गई है, जिन पर पहले 5 प्रतिशत जीएसटी लगता था.
- इसके अलावा सरकार ने एसी और फ्रिज आदि पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया है. वहीं, गाड़ियों पर टैक्स में कटौती की गई है. 350 सीसी और उससे कम की बाइक पर अब जीएसटी घटकर 18 प्रतिशत हो गया है, जो कि पहले 28 प्रतिशत था.
- प्रोडक्ट जिन पर शून्य हुआ टैक्स: मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन और स्टेशनरी आइटम्स (शार्पनर, कॉपी, नोटबुक, पेंसिल और अन्य उत्पाद) पर भी टैक्स 12 प्रतिशत से घटकर शून्य हो जाएगा. वहीं, व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर भी टैक्स को शून्य कर दिया गया है, जो कि पहले 18 प्रतिशत था.
- हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance)और लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance )पर लगने वाला पूरा 18% GST खत्म कर दिया गया है. इसका मतलब है कि अब इंडिविजुअल हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना पहले से सस्ता हो गया है.