भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों से की मुलाकात, चाबहार सहित इन मुद्दों पर हुई चर्चा

भारत अफगानिस्तान में उभर रहे मानवीय संकट को दूर करने के लिए देश को निर्बाध मानवीय सहायता प्रदान करने की वकालत करता रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
विदेश मंत्रालय के अधिकारी जे पी सिंह ने अफगान अधिकारियों के साथ बातचीत की.
नई दिल्ली :

भारतीय प्रतिनिधिमंडल (Indian Delegation) ने काबुल में अफगान अधिकारियों (Afghan authorities) के वरिष्ठ सदस्यों से मुलाकात की. चर्चा अफगान लोगों को भारत की मानवीय सहायता के साथ-साथ अफगान व्यापारियों द्वारा चाबहार बंदरगाह (Chabahar Port) के इस्तेमाल पर केंद्रित रही. विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान प्रभाग के प्रमुख संयुक्त सचिव जे पी सिंह ने बृहस्पतिवार को तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के साथ बातचीत की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने अफगान सरकार के वरिष्ठ सदस्यों, पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) के अधिकारियों और अफगान व्यापार समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की. 

उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान के लोगों को भारत की मानवीय सहायता पर चर्चा की और अफगान व्यापारियों द्वारा चाबहार बंदरगाह के इस्तेमाल पर भी चर्चा की.''

अफगानिस्तान सरकार के एक बयान में कहा गया है कि सिंह और मुत्तकी ने सुरक्षा, व्यापार और नशीले पदार्थों का मुकाबला करने के तरीकों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की. मानवीय सहायता के लिए भारत का आभार व्यक्त करते हुए मुत्तकी ने कहा कि अफगानिस्तान भारत के साथ राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करना चाहता है.

Advertisement

बयान में कहा गया है कि मुत्तकी ने अफगान व्यापारियों, मरीजों और छात्रों के लिए भारत द्वारा वीजा जारी करने की सुविधा प्रदान करने का आह्वान किया.

Advertisement

भारत ने तालिबान शासन को नहीं दी है मान्‍यता 

भारत ने अभी तक अफगानिस्तान में तालिबान शासन को मान्यता नहीं दी है और काबुल में वास्तव में समावेशी सरकार के गठन की वकालत कर रहा है. भारत इस बात पर भी जोर दे रहा है कि अफगान धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

Advertisement

भारत अफगानिस्तान में उभर रहे मानवीय संकट को दूर करने के लिए देश को निर्बाध मानवीय सहायता प्रदान करने की वकालत करता रहा है.

Advertisement

ये भी पढ़ें :

* रूसी सेना में भर्ती करने के लिए ठगे गए कई भारतीय, जल्द रिहाई की कर रहे कोशिश : केंद्र
* मालदीव की सेना के पास भारत के हेलीकॉप्टर, असैन्य चालक दल का परिचालन नियंत्रण होगा: अधिकारी
* भारतीय दूतावास के कर्मी ने ‘हनीट्रैप' में फंसने के बाद साझा की थी गोपनीय सैन्य जानकारी : यूपी एटीएस

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Amit Shah का Ambedkar पर दिए गए बयान पर क्या मौका चूक गया विपक्ष? | NDTV Election Cafe
Topics mentioned in this article