ये तुर्किये ड्रोन इहा है. यह तस्वीर न तो तुर्किये से ली गई है और ना ही पाकिस्तान से है. पहली बार भारतीय सेना ने इसे सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित किया हैं. विजय दिवस के मौके पर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के सरकारी आवास पर यह ड्रोन हर अतिथि के आर्कषण का केंद्र रहा है. यह वही ड्रोन है जिसे सेना ने ऑपेरशन सिंदूर के दौरान मार गिराया था. सेना प्रमुख के घर पर विजय दिवस के मौके पर हुए रिसेप्शन में तीनों सेनाओ के सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति, सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई विदेशी मेहमान भी पहुंचे . 16 दिसंबर को विजय दिवस हर साल 1971 में पाकिस्तान पर मिली जीत के उपलक्ष्य में मनाया जाता हैं.
सेना ने एक बार फिर तुर्किये का असली चेहरा दुनिया का सामने ला दिया कि किस तरह ऑपेरशन सिंदूर के दौरान भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने तुर्किये में बने ड्रोन इहा का इस्तेमाल किया था. इसके बावजूद पाकिस्तान को बुरी तरह भद्द पिटी. दुनिया भर में अपनी ड्रोन इहा का ढोल पीटने वाले तुर्किये का ड्रोन सेना के एयर डिफेंस सिस्टम के सामने हथियार डाल दिया. सेना के मुताबिक इस ड्रोन को 10 मई को अमृतसर में मार गिराया गया . सेना का एयर डिफेन्स सिस्टम एल 70 ने इसे ढ़ेर कर दिया. सेना के साइबर ग्रुप ने जब इसका फॉरेन्सिक एनालाइस किया तो पता चला कि पाकिस्तान ने इसे लाहौर एयरपोर्ट से लांच किया था.
इसका टारगेट पंजाब के जालंधर को निशाना बनाना था. यह 2000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ रहा था तभी इसको हवा में ही मार गिराया गया. उस समय ड्रोन में करीब 10 किलोग्राम विस्फोटक भरा हुआ था . यह ड्रोन कही टकराते ही धमाके के साथ विस्फोट कर जाता. लेकिन समय रहते सेना द्वारा इसके मार गिराए जाने से पाक की नापाक मंशा धरी की धरी रह गई.
अगर यह तुर्किये ड्रोन इहा की बात करे तो यह एक कामकाजी सुसाइड ड्रोन की श्रेणी में आता है . इसकी लंबाई करीब 3.5 मीटर है और चौड़ाई .75 मीटर हैं. इसका रेंज 180 किलोमीटर है. पर भारतीय सेना ने तो इसे 30 किलोमीटर के अंदर ही मार गिराया. इसमें ड्रोन में 172 स्ट्रोक वाला इंजन लगा है. इसे फ्लाइट कंट्रोल से कंट्रोल किया जाता है जो अपने टारगेट के ऊपर रियल टाइम पर अटैक करता है .
आपको बता दे कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 सैलानियों की मौत हो गई थी . जांच में पता चला कि इसके तार सीधे पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों से जुड़े है . इन आतंकियों को सबक सिखाने के लिये सेना ने 7 मई को ऑपेरशन सिंदूर लांच किया . पाकिस्तान की सेना भी आतंकियों के बचाव में उतर आई. नतीजा यह रहा कि इसके बाद चार दिनों तक भारत और पाकिस्तान की सेना के बीच तीखी झड़प हुई. बाद में पाकिस्तान के घुटने टेकने पर भारत युद्धविराम के लिये राजी हुआ.














