- जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में बादल फटने और फ्लैश फ्लड के बाद अब भारतीय सेना लोगों की मदद कर रही है.
- भारतीय सेना ने प्रभावित इलाकों झोर खड्ड और बगरा गांव में राहत और बचाव अभियान शुरू कर सहायता प्रदान की.
- सेना, सिविल प्रशासन, पुलिस और SDRF की टीमों ने लोगों को सुरक्षित निकाला और भोजन-पानी और आश्रय उपलब्ध कराया.
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में बादल फटने और फ्लैश फ्लड ने भारी तबाही मचाई. इसमें कई लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लापता हो गए. साथ ही बुनियादी ढांचे को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है. इस आपदा के तुरंत बाद भारतीय सेना ने राहत और बचाव का व्यापक अभियान शुरू कर प्रभावित लोगों को सहारा दिया.
अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. हालात की गंभीरता देखते हुए सेना की राहत टुकड़ियों और इंजीनियरिंग डिटैचमेंट को सबसे प्रभावित इलाकों झोर खड्ड और बगरा गांव में उतारा गया है. सिविल प्रशासन, जम्मू-कश्मीर पुलिस और एसडीआरएफ टीमों के साथ मिलकर राइजिंग स्टार कोर के जवानों ने फंसे परिवारों को सुरक्षित निकाला और उन्हें भोजन, पानी तथा अस्थायी आश्रय मुहैया कराया.
मेडिकल टीम ने घायलों को दिया उपचार
सेना की मेडिकल टीमों ने सिविल डॉक्टरों के सहयोग से घायलों को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया, जबकि इंजीनियरिंग टीमें भारी मशीनरी की मदद से रास्ते खोलने और संपर्क मार्ग बहाल करने में लगातार जुटी हुई हैं.
जमीनी प्रयासों के साथ ही सेना के हेलिकॉप्टर भी राहत कार्यों में लगाए गए हैं. गंभीर रूप से घायल लोगों को जुठाना और बगरा गांव से एयरलिफ्ट कर मिलिट्री हॉस्पिटल पठानकोट पहुंचाया गया. वहीं, दूरदराज के कटे हुए इलाकों तक जरूरी राशन, दवाइयां और अन्य आवश्यक सामान हवाई मार्ग से पहुंचाया जा रहा है.
सेना की अतिरिक्त टुकड़िया भी स्टैंडबाय पर
कठुआ के विभिन्न हिस्सों में राहत-बचाव कार्य तेजी से जारी हैं. उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए सेना की अतिरिक्त टुकड़िया भी स्टैंडबाय पर रखी गई हैं. भारतीय सेना, सिविल प्रशासन और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त प्रयास संकट की इस घड़ी में संगठित प्रतिक्रिया और समन्वय की मिसाल पेश कर रहे हैं, जिससे अधिकतम राहत प्रभावित नागरिकों तक पहुंच सके.