J&K में आंतकियों से मुठभेड़ में आर्मी का डॉग 'फैंटम' शहीद, सेना ने बताया 'सच्चा हीरो'

अफसरों ने बताया कि आतंकी फायरिंग के बाद जंगल की ओर भाग गए थे. सेना ने इलाके को घेर कर सर्च ऑपरेशन चलाया. इसी दौरान दुश्मनों की गोली फैंटम को लगी थी. करीब 5 घंटे की मशक्कत के बाद तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया गया. 

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अखनूर:

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के अखनूर में सोमवार को मुठभेड़ (Akhnoor Terror Attack) के दौरान सुरक्षाबलों ने 3 आतंकियों को मार गिराया है. सुबह सुंदरबनी सेक्टर के आसन के पास सेना के काफिले पर आतंकवादियों की गोलीबारी के बाद भारतीय सेना (Indian Army) के डॉग फैंटम ने अपनी जान गंवा दी. फैंटम बेल्जियन मालिनोइस ब्रिड का डॉग था. उसका जन्म 25 मई 2020 को हुआ था. व्हाइट नाइट कोर के नाम से मशहूर 16 कोर ने 4 साल के डॉग के सम्मान में कहा, "हम अपने सच्चे नायक, एक बहादुर भारतीय सेना कुत्ते, फैंटम के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं."

अफसरों ने बताया कि आतंकी फायरिंग के बाद जंगल की ओर भाग गए थे. सेना ने इलाके को घेर कर सर्च ऑपरेशन चलाया. इसी दौरान दुश्मनों की गोली फैंटम को लगी थी. करीब 5 घंटे की मशक्कत के बाद तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया गया. 

जम्मू-कश्मीर: बारामूला में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ रोकने के अभियान के दौरान आतंकियों से सेना की मुठभेड़

K9 यूनिट के असॉल्ट डॉग का हिस्सा था फैंटम
फैंटम K9 यूनिट के असॉल्ट डॉग का हिस्सा था. ये ट्रेंड डॉग की एक यूनिट होती है, जो आतंकवाद विरोधी और उग्रवाद विरोधी अभियानों में हिस्सा लेते हैं. मेल डॉग को रिमाउंट वेटरनरी कोर मेरठ से लाया गया था. 12 अगस्त, 2022 को इसे असॉल्ट डॉग यूनिट में पोस्ट किया गया था.

दुश्मन की गोलीबारी का किया सामना
व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने ट्वीट किया, "जब हमारे सैनिक फंसे हुए आतंकवादियों के करीब पहुंच रहे थे, तो फैंटम ने दुश्मन की गोलीबारी का सामना किया, जिससे उसे घातक चोटें आईं. उसके साहस, निष्ठा और समर्पण को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा. चल रहे ऑपरेशन में, एक आतंकवादी को मार गिराया गया है और अब तक युद्ध के सामान बरामद किए गए हैं.”

सर्वोच्च बलिदान को सलाम
वहीं, जम्मू के डिफेंस PRO ने कहा, "हम अपने डॉग फैंटम के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं. हमारे सैनिक जब फंसे हुए आतंकवादियों के करीब पहुंच रहे थे, तब फैंटम ने दुश्मन की गोलीबारी को झेला, जिससे वह घायल हो गया. उसका साहस, वफादारी और समर्पण को कभी नहीं भुलाया जाएगा."

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पिछले साल जम्मू-कश्मीर में एक मुठभेड़ के दौरान एक सैनिक की जान बचाते समय सेना का कुत्ता केंट मारा गया था. उसकी उम्र 6 साल थी. इससे पहले वह 9 ऑपरेशनों का हिस्सा रह चुका था. केंट के शरीर को तिरंगे में लपेटा गया था. सेना के जवानों ने उसे अंतिम सम्मान भी दिया था. वहीं, इससे पहले राजौरी जिले में अपने हैंडलर को बचाने की कोशिश में मंगलवार को 21वीं कोर की डॉग यूनिट की फीमेल लैब्राडोर की भी मौत हो गई.

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