भारतीय वायुसेना ने आज 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान शुरू किए गए 'ऑपरेशन सफेद सागर' की 26वीं वर्षगांठ मनाई. इस ऑपरेशन का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के कारगिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारतीय चौकियों पर कब्जा जमाने वाले पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों को खदेड़ना था. 26 मई 1999 का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है, इसी दिन भारतीय वायुसेना (IAF) ने ‘ऑपरेशन सफेद सागर' लॉन्च किया था.
एयरफोर्स ने शेयर किया वीडियो
IAF ने एक्स पर ‘ऑपरेशन सफेद सागर' का एक वीडियो साझा किया है. वायुसेना ने बताया कि 26 मई 1999 को आज के दिन ही ‘ऑपरेशन सफेद सागर' को लॉन्च किया गया था.1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना ने अपने हवाई अभियानों के लिए ऑपरेशन सफेद सागर शुरू किया. यह ऑपरेशन विजय के तहत सेनाओं का समर्थन करने के लिए था, जिसका उद्देश्य कारगिल क्षेत्र में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारतीय चौकियों पर कब्जा करने वाले पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों को खदेड़ना था.
क्यों ऐतिहासिक ऑपरेशन सफेद सागर
इसके साथ ही एयरफोर्स ने लिखा कि 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद से कश्मीर क्षेत्र में एयरफोर्स का यह पहला बड़े पैमाने पर इस्तेमाल था. इससे पहले कभी भी एयरफोर्स को ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी इलाकों में इतने ऊंचे-ऊंचे सटीक ऑपरेशन करने का काम नहीं सौंपा गया था - जो कि इसे ऐतिहासिक बनाता है. इस ऑपरेशन ने न केवल भारतीय वायुसेना की बहुमुखी प्रतिभा और दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित किया, बल्कि साबित कर दिया कि हवाई शक्ति अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार किए बिना युद्ध की दिशा को निर्णायक रूप से बदल सकती है.
ऑपरेशन सफेद सागर की खासियत
ऑपरेशन सफेद सागर में मिराज 2000, मिग-21, मिग-17, जगुआर, मिग-23, मिग-27, चेतक और मिग-29 जैसे विमानों का उपयोग किया गया. वायुसेना ने इसे कई मायनों में "पथप्रदर्शक" बताया. इस ऑपरेशन ने हवाई शक्ति को असामान्य भूमिकाओं में इस्तेमाल करने की क्षमता दिखाई और यह साबित किया कि सीमित हवाई संपत्तियों का स्थानीय संघर्ष में प्रभावी उपयोग संभव है. साथ ही, इसने हवाई शक्ति के उपयोग से पूर्ण युद्ध में वृद्धि की पुरानी धारणा को तोड़ा.
ऑपरेशन सिंदूर ने फिर दिखीं एयरफोर्स की ताकत
'ऑपरेशन सफेद सागर' की वर्षगांठ ऐसे समय में मनाई गई है जब हाल ही में IAF ने पहलगाम हमले का बदलान लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर का अंजाम दिया. 7 मई को शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में कई आतंकी ठिकानों पर हमला किया, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के नौ शिविर नष्ट किए गए और 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने भारत के पश्चिमी हिस्सों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिन्हें भारत ने सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया. जवाब में भारत ने पाकिस्तानी क्षेत्र में चुनिंदा सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया.