भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) बढ़ाने में अच्छा काम किया है और देश को श्रीलंका (Sri Lanka) और पाकिस्तान जैसी आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा. यह कहना है आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) का. साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे विदेशी कर्ज भी कम हैं. आरबीआई के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह के लिए भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 571.56 अरब डॉलर था. हालांकि 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 1.152 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है.
भारतीय रिजर्व बैंक के साप्ताहिक स्टेटिस्टिक्स सप्लीमेंट के मुताबिक, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में गिरावट के कारण 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है. विदेशी मुद्रा भंडार के अन्य सभी घटकों ने सप्ताह के दौरान लाभ दर्ज किया गया.
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां हैं, जो 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान 1.426 अरब डॉलर गिरकर 510.136 अरब डॉलर हो गई हैं. 15 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा संपत्ति में 6.527 अरब डॉलर और इससे पहले के सप्ताह में 6.656 अरब डॉलर की गिरावट आई थी.
विदेशी मुद्रा भंडार के अन्य घटकों में वृद्धि हुई है. 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान सोने के भंडार का मूल्य 145 मिलियन डॉलर बढ़कर 38.502 बिलियन डॉलर हो गया.
आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ भारत के विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) का मूल्य 106 मिलियन डॉलर बढ़कर 17.963 बिलियन डॉलर हो गया है.
साथ ही 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत की आरक्षित स्थिति 23 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.96 बिलियन डॉलर हो गई है.
महंगाई पर राजन ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में वृद्धि से महंगाई के दबाव को कम करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि कि इस वक्त दुनिया भर में महंगाई है. आरबीआई ब्याज दर बढ़ा रहा है, जिससे महंगाई कम करने में मदद मिलेगी. सबसे ज्यादा महंगाई खाद्य और ईंधन में है. जैसा कि हम देख सकते हैं कि दुनिया में खाद्य महंगाई कम हो रही है और भारत में भी घटेगी.
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