अंतरराष्ट्रीय नौसेना अभ्यास 'मिलन' 2024 का आगाज 19 फरवरी से होगा. विशाखपत्तनम में आयोजित होने वाले यह अभ्यास 27 फरवरी तक चलेगा. 51 मित्र देश की नौसेना इस अंतरराष्ट्रीय अभ्यास में शिरकत कर रहे है. इसमें 35 वॉरशिप और सबमरीन के साथ साथ 50 एयरक्रफ्ट अपनी ताक़त , समन्वय को साझा करेंगे.
अंतरराष्ट्रीय नौसेना अभ्यास मिलन अभ्यास दो फेज में होगा पहले हार्बर फेज और दूसरा सी फेज. हार्बर फेज 19 से 23 और सी फेज 24 से 27 फ़रवरी तक आयोजित होगा. सी फेज में ऑपेरशन अभ्यास और ड्रिल को अंजाम दिया जाएगा. 21 फरवरी को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इस मिलन 2024 का शुभारम्भ करेगे. 1995 को चार देशों के साथ शुरु हुआ था.
भारतीय नौसेना ने लुक इस्ट से एक्ट ईस्ट पॉलेसी के तहत फोकस किया और उसके बाद से लगातार मित्र देश की संख्या इस अभ्यास में बढ़ रही है. 15 विदेशी जंगी जहाज़ और एक एयरक्रफ्ट शामिल होगे.. जबकि 36 देश अपने प्रतिनिधिमंडल को भेज रहे है. इजराइल को भी बुलाया गया था. लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए उन्होंने अपनी असमर्थता जताई. कनाडा की तरफ़ से अभ्यास में डेलिगेशन आएगा.
डिप्टी नेवी चीफ तरुण सोबती ने कहा कि हूती के हमले चिंता की बात है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी और इसी वजह से हमने अपने असेट तैनात किए हैं. पायरेसी को लेकर जो हमारा अनुमान है कि पायरेसी सोमालिया के ईस्ट में फिर से बढ़ा है. उन्हें लगता है कि मौजूदा हालातों के चलते उन्हें कोई नहीं देख रहा है. अरब सागर में पायरेसी चिंता की बात है.
डिप्टी नेवी चीफ तरुण सोबती ने कहा कि मेरिटाइम सिक्योरिटी के लिए ये चुनौती का समय है. हम मिलन को एक एसे प्लेटफ़ॉर्म के तौर पर इस्तेमाल करना चाहते है. ताकी मैरिटाइम सिक्योरिटी को लेकर दुनिया के तमामा देशों की नौसेना के साथ चुनौतियों पर चर्चा कर सके , कैसे उसे आगे बढ़ाया जा सके और एक दूसरे के एक्सपीरिएंस को साझा कर सके.
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