भारत–वियतनाम रक्षा सहयोग को नई मजबूती, पनडुब्बी खोज और बचाव पर एमओयू पर हस्ताक्षर

दोनों पक्षों ने हाइड्रोग्राफी, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, बंदरगाह यात्राओं, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, शिपयार्ड आधुनिकीकरण और रीयल-टाइम सूचना आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में हुई प्रगति की व्यापक समीक्षा की. इसके साथ ही साइबर सुरक्षा, सैन्य चिकित्सा और विशेषज्ञ-स्तरीय सहयोग को और विस्तारित करने पर सहमति बनी.

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  • भारत और वियतनाम ने पनडुब्बी खोज, संचालन और बचाव सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं
  • समझौते के तहत दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और आपसी विश्वास को मजबूत करेंगे
  • 15वें भारत-वियतनाम रक्षा नीति संवाद में दोनों देशों ने कई रक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा की
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नई दिल्ली:

भारत और वियतनाम ने रक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति करते हुए पनडुब्बी खोज, संचालन और बचाव सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. यह समझौता भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की वियतनाम यात्रा के दौरान किया गया.

समझौते के तहत दोनों देश पनडुब्बी संचालन, खोजबीन और बचाव क्षमताओं को मजबूत करने के लिए एक समन्वित ढांचा विकसित करेंगे. इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा, ओपेरशनल कोऑर्डिनेशन और आपसी विश्वास को और मजबूती मिलेगी. हनोई में हुए 15वें भारत–वियतनाम रक्षा नीति संवाद के दौरान यह एमओयू हस्ताक्षरित हुआ. इस संवाद की सह-अध्यक्षता भारत के रक्षा सचिव और वियतनाम के उप राष्ट्रीय रक्षा मंत्री सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल होआंग ज़ुआन चिएन ने की. यह वार्षिक संवाद दोनों देशों की रक्षा साझेदारी का प्रमुख प्लेटफॉर्म है.

दोनों पक्षों ने हाइड्रोग्राफी, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, बंदरगाह यात्राओं, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, शिपयार्ड आधुनिकीकरण और रीयल-टाइम सूचना आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में हुई प्रगति की व्यापक समीक्षा की. इसके साथ ही साइबर सुरक्षा, सैन्य चिकित्सा और विशेषज्ञ-स्तरीय सहयोग को और विस्तारित करने पर सहमति बनी.

रक्षा उद्योग सहयोग बढ़ाने के लिए एक आशय पत्र (Letter of Intent) पर भी हस्ताक्षर किए गए. इसका उद्देश्य प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, संयुक्त अनुसंधान, उच्च-तकनीक क्षेत्रों में निवेश और रक्षा उत्पादन में संयुक्त उपक्रमों को प्रोत्साहित करना है. यात्रा के दौरान रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने वियतनाम के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री जनरल फान वान जियांग से भी मुलाकात की. दोनों पक्षों ने यह तय किया कि 16वां भारत–वियतनाम रक्षा नीति संवाद अगले वर्ष भारत में आयोजित किया जाएगा.

भारत ने वियतनाम को अपनी ‘एक्ट ईस्ट नीति' और हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण में एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार बताया. इसी क्रम में भारतीय सेना ने घोषणा की कि दोनों देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘विनबैक्स' का छठा संस्करण 11 से 29 नवम्बर के बीच हनोई में आयोजित किया जाएगा.
 

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