- भारतीय दल अमेरिका में अंतरिम व्यापार समझौते पर वार्ता के बाद लौट आया है
- समझौते को नौ जुलाई से पहले अंतिम रूप देने की संभावना है
- पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अपनी शर्तों पर डील करता है
- कृषि और वाहन क्षेत्रों में कुछ मुद्दों को हल करने की आवश्यकता है
भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम 'मिनी' ट्रेड डील पर निर्णायक दौर की बातचीत चल रही है. रेसिप्रोकल टैरिफ पर लगी रोक हटाने की डेडलाइन 9 जुलाई करीब आ रही है, और इसको लेकर भारत और अमेरिका के एक्सपोर्टरों की उत्सुकता बढ़ रही है.
इस बीच वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल ने शुक्रवार को ट्रेड डील पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया. भारत मंडपम में दक्षिण एशिया के सबसे बड़े B2B Toy Expo का उद्घाटन करने के बाद पियूष गोयल ने भारत और अमेरिका के बीच "मिनी" ट्रेड डील पर जारी बातचीत पर कहा, "भारत अपने शर्तों पर चर्चा करता है. अलग-अलग देशों के साथ Free Trade Agreement (FTA) को लेकर चर्चा चल रही है. यूरोपियन यूनियन हो, न्यूज़ीलैंड हो, ओमान हो, US हो, Chile हो, पेरू हो...कई देशों के साथ एग्रीमेंट पर बात चल रही है".
पियूष गोयल मानते हैं कि दो देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट तभी संभव होता है जब दोनों देशों को फायदा हो. गोयल ने कहा, "It should be a win-win agreement. भारत के हितों को संरक्षित रखते हुए, राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए अगर अच्छी ट्रेड डील अगर बनती है तो भारत को विकसित देशों के साथ डील करने में कोई दिक्कत नहीं है".
ये पूछे जाने पर कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ फिर से लागू करने के लिए तय 9 जुलाई की डेडलाइन करीब आ रही है, पियूष गोयल ने कहा, "भारत कभी कोई भी (ट्रेड) डील डेडलाइन या तय समयसीमा के आधार पर कभी नहीं करता है. जब डील अच्छी बन जाए, पूरी तरह से पक जाए और देश हित में हो तब हम उसे स्वीकार करते हैं".
बातचीत करने के बाद भारतीय दल वाशिंगटन से लौट आया है. एक अधिकारी ने कहा कि वार्ता अंतिम चरण में है और इसके निष्कर्ष की घोषणा नौ जुलाई से पहले होने की उम्मीद है, जो भारत सहित कई देशों पर लगाए गए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी शुल्क के 90-दिवसीय निलंबन की अवधि का अंतिम दिन हैच.
अधिकारी ने कहा, “भारतीय टीम वाशिंगटन से वापस आ गई है. वार्ता जारी रहेगी. कृषि और वाहन क्षेत्रों में कुछ मुद्दे हैं जिन्हें हल करने की आवश्यकता है.”
भारत ने डब्ल्यूटीओ को यह भी बताया है कि उसने इस्पात और एल्युमीनियम पर अमेरिकी शुल्क के जवाब में चुनिंदा अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाने का अधिकार सुरक्षित रखा है.
भारतीय टीम 26 जून से दो जुलाई तक अमेरिका के साथ अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए वाशिंगटन में थी. ये वार्ता इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ट्रंप के जवाबी शुल्क का निलंबन नौ जुलाई को समाप्त हो रहा है. दोनों पक्ष उससे पहले वार्ता को अंतिम रूप देने पर विचार कर रहे हैं.
दो अप्रैल को अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 26 प्रतिशत जवाबी शुल्क लगाया था, लेकिन इसे 90 दिनों के लिए निलंबित कर दिया था. हालांकि, अमेरिका द्वारा लगाया गया 10 प्रतिशत मूल शुल्क अभी भी लागू है. भारत अतिरिक्त 26 प्रतिशत शुल्क से पूरी छूट चाहता है.