'सीमा के सवालों में उलझाकर सीमा विवाद न उलाझाएं', चीन को भारत की दो टूक

बैठक की संयुक्त मेजबानी सिचुआन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज, चाइना सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज और मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (MP-IDSA) के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज द्वारा की गई थी, जिसमें कई पूर्व राजदूतों और विद्वानों ने भाग लिया.

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भारत-चीन सीमा विवाद में 3,488 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) शामिल है.
बीजिंग:

भारत (India) ने चीन (China) से दो टूक कहा है कि वह "गोलपोस्टों को स्थानांतरित न करें" और सीमा विवाद के हल के लिए  एवं सीमा पर शांति बहाली के लिए सीमा से जुड़े सवालों के जाल में उलझाकर "भ्रमित" करने की कोशिश न करें. पिछले साल मई में पूर्वी लद्दाख में उपजे गतिरोध के बाद, भारत ने लगातार यह सुनिश्चित किया है कि दोनों देशों के बीच संबंधों के समग्र विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सद्भाव आवश्यक है.

चीन में भारतीय दूत विक्रम मिश्री ने 23 सितंबर को चीन-भारत संबंधों पर चौथे उच्च-स्तरीय ट्रैक II वार्ता को संबोधित करते हुए कहा, "पड़ोसी होने के अलावा, भारत और चीन भी बड़ी और उभरती अर्थव्यवस्थाएं हैं. लिहाजा, दोनों के बीच "मतभेद और समस्याएं होना असामान्य नहीं है." 

मिश्री ने कहा, "महत्वपूर्ण सवाल यह है कि उन समस्याओं से कैसे निपटा जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि उनके परिणाम तार्किकता, परिपक्वता और हमारी सीमाओं पर शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए हों." बता दें कि भारत-चीन सीमा विवाद में 3,488 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) शामिल है.

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वर्चुअल रूप से आयोजित बैठक की संयुक्त मेजबानी सिचुआन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज, चाइना सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज और मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (MP-IDSA) के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज द्वारा की गई थी, जिसमें कई पूर्व राजदूतों और विद्वानों ने भाग लिया. मिश्री के अलावा, भारत में चीन के राजदूत सुन वेइदॉन्ग ने भी बैठक को संबोधित किया.

पिछले साल पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच उपजे गतिरोध के बाद दोनों पक्षों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के बीच कई दौर की बातचीत और विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच हुई "बहुआयामी वार्ता" का उल्लेख करते हुए मिश्री ने कहा: "इन संपर्कों के परिणामस्वरूप जमीन पर महत्वपूर्ण प्रगति हुई है."

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