भारत ने स्वदेशी तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल 'नाग' का किया सफल परीक्षण

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नाग एमके-2 की संपूर्ण हथियार प्रणाली के सफल क्षमता परीक्षणों के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय सेना और उद्योग को बधाई दी.

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टैंक-रोधी ‘गाइडेड’ मिसाइल 'नाग एमके-2' के नये संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया.
नई दिल्ली:

भारत ने स्वदेशी रूप से विकसित तीसरी पीढ़ी की टैंक-रोधी ‘गाइडेड' मिसाइल नाग एमके-2 का सफल क्षमता परीक्षण किया है. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह परीक्षण हाल ही में राजस्थान के पोखरण में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में फायरिंग रेंज में किए गए. मंत्रालय ने कहा है, ‘‘स्वदेशी तकनीक से विकसित तीसरी पीढ़ी की टैंक-रोधी ‘फायर-एंड-फॉरगेट गाइडेड' मिसाइल नाग एमके-2 का क्षमता परीक्षण हाल ही में भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में पोखरण फील्ड रेंज में सफलतापूर्वक किया गया.''

इसमें कहा गया है, ‘‘तीनों परीक्षणों के दौरान मिसाइल प्रणालियों ने अधिकतम और न्यूनतम सीमा के सभी लक्ष्यों को सटीक रूप से नष्ट कर दिया, जिससे इसकी लक्ष्य भेदने की क्षमता की पुष्टि हुई.'' नाग मिसाइल वाहक संस्करण-2 का भी वास्तविक परिस्थिति में क्षमता परीक्षण किया गया. मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘इसके साथ ही, पूरी हथियार प्रणाली अब भारतीय सेना में शामिल होने के लिए तैयार है.''

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नाग एमके-2 की संपूर्ण हथियार प्रणाली के सफल क्षमता परीक्षणों के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय सेना और उद्योग को बधाई दी. डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी. कामत ने सेना में शामिल करने के लिए मिसाइल को तैयार किये जाने के वास्ते सभी हितधारकों के प्रयासों की सराहना की.

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