IMF ने भारत को माना 'स्टार परफॉर्मर', ग्लोबल ग्रोथ में 16% से ज्यादा के योगदान का जताया अनुमान

IMF में ‘मिशन ऑफ इंडिया’ से जुड़ीं नाडा चौएरी ने कहा कि भारत की जनसंख्या काफी अधिक है. उसमें युवा खासी संख्या में हैं. ऐसे में अगर संरचनात्मक सुधारों के माध्यम से इस क्षमता का इस्तेमाल किया जाता है तो इसमें, मजबूत दर से बढ़ने की क्षमता है.

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वॉशिंगटन:

दुनिया के कई देशों के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) तेजी से बढ़ रही है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत को 'स्टार परफॉर्मर' मानते हुए कहा कि भारत दुनिया की ग्रोथ में अहम योगदान देने वाला देश है. IMF के मुताबिक, भारत डिजिटलाइजेशन (Digitalization) और इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) जैसे प्रमुख क्षेत्रों में आर्थिक सुधारों (Economic Reform) के दम पर एक मिसाल पेश कर रहा है. ग्लोबल ग्रोथ में देश का योगदान 16 प्रतिशत से ज्यादा रहने का अनुमान है. अंतरराष्ट्रीय मॉनिटरी फंड (IMF) के एक अधिकारी ने यह बात कही. 

IMF में ‘मिशन ऑफ इंडिया' से जुड़ीं नाडा चौएरी (Nada Choueiri)ने ‘पीटीआई-भाषा' को दिए इंटरव्यू में कहा, "पिछले कुछ समय से हम देख रहे हैं कि भारत बहुत मजबूत दर से ग्रोथ कर रहा है. आप समकक्ष देशों को देखें और वास्तविक वृद्धि की बात करें, तो यह एक मिसाल पेश कर रहा है. यह सबसे तेजी से बढ़ते बड़े उभरते बाजारों में से एक है. हमारे मौजूदा अनुमानों के अनुसार, इस साल ग्लोबल ग्रोथ में इसका योगदान 16 प्रतिशत से ज्यादा रहेगा."

IMF ने सोमवार को भारत के साथ अपना एनुअल आर्टिकल-IV कंसल्टेशन जारी किया. इसके मुताबिक दक्षिण एशियाई देश विवेकपूर्ण व्यापक आर्थिक नीतियों के आधार पर इस साल दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने की राह पर हैं.

चौएरी ने कहा कि फिर भी अर्थव्यवस्था को वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें खंडित दुनिया में वैश्विक वृद्धि में मंदी भी शामिल है. उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे में निवेश करने और वृद्धि के लिए ठोस आधार के लिए जरूरी हर तरह की सुविधाएं विकसित करने के उद्देश्य पर सरकार की ओर से काफी जोर दिया जा रहा है.

भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक वृद्धि का एक महत्वपूर्ण चालक बनने के लिए वैश्विक महामारी के बाद मजबूती से उभरी है. नाडा चौएरी ने कहा कि भारत की जनसंख्या काफी अधिक है. उसमें युवा खासी संख्या में हैं. ऐसे में अगर संरचनात्मक सुधारों के माध्यम से इस क्षमता का इस्तेमाल किया जाता है तो इसमें, मजबूत दर से बढ़ने की क्षमता है. 

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