मालदीव जानेवाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है. मालदीव पर्यटन मंत्रालय के तीन हफ्तों के आंकड़ों के अनुसार मालदीव जाने के मामले में भारत अब तीसरे से पांचवें नंबर पर आ गया है. मालदीव जाने वाले भारतीय यात्रियों की संख्या में आई कमी का मुख्य कारण भारतीयों द्वारा चलाया गया बायकॉट मालदीव कैंपेन माना जा रहा है. बता दें भारतीय पर्यटकों के लिए मालदीव पहली पसंद हुआ करता था. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 31 दिसंबर तक, भारत पर्यटकों की संख्या के मामले में शीर्ष स्थान पर था. 2023 में मालदीव के पर्यटन बाजार का करीब 11 फीसदी हिस्सा भारतीय पर्यटकों का रहा था.
मालदीव में अब इन देशों से आते हैं सबसे अधिक पर्यटक -
- रूस: 18,561 आगमन (10.6% बाजार हिस्सेदारी, साल 2023 में रैंक 2 थी)
- इटली: 18,111 आगमन (10.4% बाजार हिस्सेदारी, साल 2023 में रैंक 6 थी)
- चीन: 16,529 आगमन (9.5% बाजार हिस्सेदारी, साल 2023 में रैंक 3 थी)
- यूके: 14,588 आगमन (8.4% बाजार हिस्सेदारी, साल 2023 में रैंक 4 थी)
- भारत: 13,989 आगमन (8.0% बाजार हिस्सेदारी, साल 2023 में रैंक 1 थी)
- जर्मनी: 10,652 आगमन (6.1% बाजार हिस्सेदारी)
- यूएसए: 6,299 आगमन (3.6% बाजार हिस्सेदारी, 2023 में रैंक 7)
- फ़्रांस: 6,168 आगमन (3.5% बाज़ार हिस्सेदारी, 2023 में रैंक 8)
- पोलैंड: 5,109 आगमन (2.9% बाजार हिस्सेदारी, 2023 में रैंक 14)
- स्विट्ज़रलैंड: 3,330 आगमन (1.9% बाज़ार हिस्सेदारी, 2023 में रैंक 10)
दोनों देशों के बीच के रिश्ते में तनाव इस महीने की शुरुआत में उस समय और बढ़ गया जब सोशल मीडिया पर मालदीव के एक मंत्री और कुछ अन्य नेताओं ने लक्षद्वीप के एक प्राचीन समुद्र तट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो पोस्ट करने के बाद उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की. हालांकि, इस विवाद को बढ़ता देख मोहम्मद मुइज्जू ने तीन मंत्रियों को उनकी सोशल मीडिया पोस्ट के बाद निलंबित कर दिया. बता दें कि मालदीव जाने वाले पर्यटकों में भारत नंबर वन पर है. ऐसे में इस देश की अर्थव्यवस्था के लिए भारतीय पर्यटक बेहद अहम है.