चीन ने मंगलवार को एलएसी पर भारत और चीनी सैनिकों के 9 दिसंबर को आमने-सामने होने की पुष्टि की है. चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के वेस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता सीनियर कर्नल लॉन्ग शाओहुआ ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने चीन-भारतीय सीमा के पूर्वी खंड के डोंगझांग क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीन की तरफ चीनी सीमा सैनिकों की नियमित गश्त को बाधित किया और इसके लिए अवैध रूप से रेखा पार की.
चीन की सरकारी मीडिया चाइना डेली ने ट्वीट कर कहा, "चीन ने मंगलवार को भारत से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए चीन के साथ मिलकर अपने सीमावर्ती सैनिकों को सख्ती से नियंत्रित करने और प्रबंधित करने का आग्रह किया है."
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर झड़प हुई थी, जिसके बाद दोनों सेनाएं पीछे हट गईं. सूत्रों के अनुसार, चीनी सेना ने LAC को पार कर लिया था, जिसका भारतीय जवानों ने पुरजोर विरोध किया. दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आईं.
लम्बे अरसे पहले पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में हुई झड़पों के बाद यह पहला मौका है, जब भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प की ख़बरें आई हैं. दोनों सेनाओं के बीच सबसे बुरी झड़प जून, 2020 में गलवान घाटी में हुई थी, जब 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे, और चीन के भी 40 से ज़्यादा सैनिक मारे गए थे या ज़ख्मी हुए थे. इसके बाद दोनों देशों के बीच कई बार झड़पें हुईं, जिनमें पैंगोंग लेक के दक्षिणी तट पर हुई झड़प भी शामिल है.
मिलिटरी कमांडरों के बीच कई बैठकों के बाद लद्दाख स्थित गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स समेत कई अहम ठिकानों से भारतीय और चीनी सेनाएं पीछे हटी थीं. सरकारी सूत्रों के अनुसार, सीमा के 'अलग-अलग अनुमानों' के चलते इस तरह की झड़पें दोनों देशों के बीच वर्ष 2006 से ही होती आ रही हैं.
सूत्रों ने जानकारी दी है, "अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में LAC के साथ कुछ इलाकें ऐसे हैं, जहां सीमा को लेकर अलग-अलग दावे हैं और दोनों सेनाएं अपने-अपने दावे वाले इलाकों तक गश्त किया करती हैं. यह वर्ष 2006 से ही चलता आ रहा है. 9 दिसंबर, 2022 को चीनी सेनाएं तवांग सेक्टर में LAC पर पहुंचीं, जिसका भारतीय जवानों ने 'दृढ़ और पुष्ट तरीके से' विरोध किया."