सुमी में फंसे भारतीयों को निकालने की राह में थीं कई अड़चनें, योजना बनाकर ऑपरेशन को दिया गया अंजाम : सूत्र

सूत्रों के अनुसार, सबसे बड़ी समस्या छात्रों को दूसरे देशों में ले जाने की थी क्योंकि उनके पास उन देशों का वीज़ा नहीं था.

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यूक्रेन के सुमी शहर में फंसे 600 से अधिक भारतीय स्‍टूडेंट को निकाला गया है (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्‍ली:

Russia-Ukraine war: युद्ध प्रभावित यूक्रेन के सुमी शहर से निकाले गए स्‍टूडेंट्स का दल लवीव पहुंच गया है. सूत्रों ने NDTV को बताया कि पूरे निकासी (Evacuation)ऑपरेशन के दौरान सरकार ने कई स्तरों पर कोशिश की और पीएम नरेंद्र मोदी स्‍वयंयूक्रेन और रूस के अलावा आसपास के देशों के प्रमुखों के टच में थे. सूत्रों के अनुसार, सबसे बड़ी समस्या छात्रों को दूसरे देशों में ले जाने की थी क्योंकि उनके पास उन देशों का वीज़ा नहीं था. अभियान के तहत 50 से अधिक अधिकारी भेजे गए. रूसी भाषा जानने वालों को अधिक भेजा गया. पिशाचिन और सुमी में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना सबसे चुनौतीपूर्ण था. इसके अलावा खारकीव से निकालने में भी दिक़्क़त आयी क्योंकि ट्रेन पर भारी दबाव था.

जानकारी के अनुसार, सूमी से निकाला गया दल आज पोलैंड में रहेगा और इसे कल की उड़ान से वापस  लाया जाएगा.पोलैंड के अलावा रोमानिया आदि का रूट भी देखा जा रहा है. सूत्र बताते हैं कि ऐसे लोग जिन्होंने सरकार की तरफ़ से जारी एडवाइज़री नहीं मानी और जानकारी नहीं दी, उन्‍हें वापस ला पाना इनको पोलैंड से ही लाया जाएग.सूमी से बस से बाहर लाने के बाद यूक्रेन ने ट्रेन का इंतज़ाम किया था. भारत सरकार के सूत्रों ने बताया कि रूस और यूक्रेन, दोनों से हम रूट को लेकर तालमेल कर रहे थे. सूमी से भारतीय छात्रों को निकालने में दो दिन पहले के प्रधानमंत्री के पुतिन और जेलेंस्की को किए गए फोन कॉल से बहुत मदद मिली. रूस और यूक्रेन के बीच सहमति वाले रूट से भारतीय छात्रों को सूमी से निकाला गया

सूत्रों ने बताया, 'ऑपरेशन गंगा भारतीय नागरिकों के लिए था.कुछ भारतीयों ने वहां अब भी रहने का फ़ैसला किया हो तो उन्हें हम ज़बर्दस्ती नहीं ला सकते.युद्ध वाले क्षेत्र से निकालने में कुछ लोगों को दिक़्क़त आयी है/आयी होगी क्योंकि चुनौती बड़ी थी.ट्रेन में भारतीयों को नहीं चढ़ने देने के मामले पर उन्‍होंने कहा कि इस मामले में केवल मीडिया रिपोर्ट के आधार पर दोष देना  ठीक नहीं है. संभवत: कल शाम तक आख़िरी स्पेशल फ़्लाइट चलेगी. उसके बाद स्पेशल फ़्लाइट के ज़रिए शायद लोगों को नहीं लाया जाए. अगर तादाद अधिक होगी तो फ़्लाइट फिर भेज सकते हैं लेकिन सरकार की कोशिश की कोशिश कल शाम तक सब को निकालने की है. जो अधिकारी अलग से भेजे गए थे उनका काम पूरा हो गया है उनके लौटने की प्रक्रिया शुरू होगी. सूत्रों ने बताया कि लवीव कैंप आफ़िस से भारतीय दूतावास काम करता रहेगा. 

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