भारत ने फलस्तीनी शरणार्थियों के कल्याण के लिए यूएनआरडब्ल्यूए को 25 लाख डॉलर की दूसरी किस्त जारी की

वर्ष 1950 से कार्यरत यूएनआरडब्ल्यूए पंजीकृत फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए प्रत्यक्ष राहत कार्य करता है. इसका वित्तपोषण लगभग पूरी तरह संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों द्वारा स्वैच्छिक योगदान से होता है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

यरूशलम: गाजा में जारी संघर्ष के बीच भारत ने बृस्पतिवार को ‘फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की राहत और कार्य एजेंसी' (यूएनआरडब्ल्यूए) को 25 लाख डॉलर की दूसरी किस्त जारी कर दी. भारत ने इस तरह 2023-24 के लिए 50 लाख डॉलर की अपनी वार्षिक प्रतिबद्धता को पूरा कर लिया है.

वर्ष 1950 से कार्यरत यूएनआरडब्ल्यूए पंजीकृत फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए प्रत्यक्ष राहत कार्य करता है. इसका वित्तपोषण लगभग पूरी तरह संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों द्वारा स्वैच्छिक योगदान से होता है.

भारत सरकार ने गत नवंबर महीने में अपनी वार्षिक प्रतिबद्धता के तहत पहली किस्त जारी की थी. संयुक्त राष्ट्र की यह एजेंसी गाजा में इजराइल-हमास के युद्ध के बीच कामकाज कर पाने में संघर्ष कर रही है. उसने मुश्किल वक्त में खासकर गाजा में पिछले महीने भारत के योगदान की सराहना की थी और उसका स्वागत किया था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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