"वे करते रहे हैं हस्तक्षेप..." : भारत ने कनाडा के चुनाव में दखल का किया खंडन

विदेश मंत्रालय ने कहा- हम कनाडाई चुनावों में भारतीय हस्तक्षेप के निराधार आरोपों को दृढ़ता के साथ खारिज करते हैं. अन्य देशों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करना भारत की नीति नहीं है.  

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पीएम नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

भारत ने कनाडा के चुनाव में हस्तक्षेप के आरोप को खारिज कर दिया है. भारत ने कहा है कि वे हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं. भारत ने आज एक बयान में कड़े शब्दों में कनाडा में चुनाव में हस्तक्षेप के आरोपों को खारिज कर दिया. भारत ने कहा कि कनाडा ही "हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप" कर रहा है.

एक डिक्लासीफाइड खुफिया रिपोर्ट में कनाडा ने भारत को एक ऐसा "विदेशी खतरा" बताया था जो संभावित रूप से कनाडा के चुनावों में हस्तक्षेप कर सकता है. इसके कुछ महीनों बाद कनाडा ने अपने देश में एक खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या में दिल्ली की भूमिका होने का आरोप लगाया था.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि, "हमने विदेशी हस्तक्षेप की जांच कर रहे एक कनाडाई आयोग के बारे में मीडिया रिपोर्टें देखी हैं... हम कनाडाई चुनावों में भारतीय हस्तक्षेप के इस तरह के निराधार आरोपों को दृढ़ता के साथ खारिज करते हैं. अन्य देशों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करना भारत की नीति नहीं है."  

जयसवाल ने कहा कि, "वास्तविकता इससे बिल्कुल उलट है. कनाडा ही हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है. हम नियमित रूप से उनके साथ इस मुद्दे को उठाते रहे हैं. हम कनाडा से हमारी मुख्य चिंताएं दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाने के लिए कहते रहे हैं." 

पिछले साल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का दावा किया था, जिसे भारत ने खारिज कर दिया था. इसके साथ दोनों देशों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया. इसी क्रम में कनाडा के इस नए आरोप को भारत ने खारिज कर दिया है.

कनाडा की "फॉरेन इंटरफिएरेंस एंड इलेक्शंस : ए नेशनल सिक्यूरिटी एसेसमेंट" शीर्षक वाली अक्टूबर 2022 की डिक्लासीफाइड रिपोर्ट में भारत को "खतरा" बताया गया है और चेताया गया है कि विदेशी हस्तक्षेप कनाडा के लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है.

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कनाडा ने चीन और रूस के खिलाफ भी इसी तरह के आरोप लगाए हैं. उसने चीन को "अब तक का सबसे बड़ा खतरा" बताया है.

पिछले साल दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान इससे अलग एक द्विपक्षीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने देश में बढ़ती अलगाववादी गतिविधियों को लेकर जस्टिन ट्रूडो को फटकार लगाई थी. इसके बाद से भारत और कनाडा के बीच तनाव पैदा हो गया था. इसके एक सप्ताह बाद ट्रूडो ने विस्फोटक आरोप लगाया कि आतंकवादी कनाडाई नागरिक निज्जर की गोली मारकर हत्या की घटना के पीछे "भारत सरकार के एजेंट" हो सकते हैं.

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