- इजरायल ने गाजा पट्टी के नासिर हॉस्पिटल पर हवाई हमला किया था जिसमें पांच पत्रकार समेत 22 लोग मारे गए.
- भारत के विदेश मंत्रालय ने इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए पत्रकारों की हत्या को बेहद अफसोसजनक बताया.
- विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने संघर्ष में नागरिक जीवन की हानि की निंदा की है.
इजरायल ने सोमवार, 25 अगस्त को गाजा पट्टी के एक हॉस्पिटल पर हवाई हमला किया था जिसे पूरी दुनिया ने ऑन कैमरा देखा. इस हमले में पांच पत्रकारों सहित 22 लोगों की मौत हो गई है. अब भारत के विदेश मंत्रालय ने इस हमले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
खान यूनिस में स्थित इस नासिर हॉस्पिटल पर हुए हमले में पत्रकारों की मौत के संबंध में मीडिया के सवालों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, "पत्रकारों की हत्या चौंकाने वाली और बेहद अफसोसजनक है. भारत ने हमेशा संघर्ष में नागरिक जीवन के नुकसान की निंदा की है. हम जानते हैं कि इजरायली अधिकारियों ने पहले ही जांच शुरू कर दी है."
गाजा में क्या हुआ था?
एपी की रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि खान यूनिस में स्थित इस नासिर अस्पताल पर एक के बाद एक, दो हमले हुए. वीडियो में दिखा कि जैसे ही इजरायल ने पहला हमला किया, पत्रकारों और बचावकर्मियों उस घटनास्थल की ओर भागे. उनके वहां पहुंचते ही अस्पताल की उन बाहरी सीढ़ियों पर एक बड़ा विस्फोट हुआ जहां पत्रकार अक्सर तैनात रहते हैं. गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के रिकॉर्ड विभाग के प्रमुख जहीर अल-वहीदी के अनुसार, इस हमले में कुल मिलाकर 20 लोग मारे गए हैं.
इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इन मौतों पर खेद व्यक्त किया है. प्रधान मंत्री ने अपने कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा, "इजरायल को गाजा के नासिर अस्पताल में आज हुई दुखद दुर्घटना पर गहरा अफसोस है." उन्होंने कहा, "इजरायल पत्रकारों, चिकित्सा कर्मचारियों और सभी नागरिकों के काम को महत्व देता है. सैन्य अधिकारी गहन जांच कर रहे हैं. हमारी लड़ाई हमास के आतंकियों से है. हमारा एकमात्र लक्ष्य हमास को हराना और अपने बंधकों को घर लाना है."
कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (CPJ) के अनुसार, इजरायल-हमास युद्ध मीडिया कर्मियों के लिए सबसे खूनी संघर्षों में से एक रहा है. 22 महीने के संघर्ष में गाजा में इजरायली गोलीबारी में 189 फिलिस्तीनी पत्रकार मारे गए हैे. CPJ के अनुसार अगर इसकी तुलना यूक्रेन में रूस के युद्ध से की जाए तो वहां अब तक 18 पत्रकार मारे गए हैं.