पुंछ के लोगों का दर्द
भारत-पाकिस्तान के बीच टेंशन (India-Pakistan Tension) का माहौल है. लगातार हो रहे हमलों के बाद युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं. हालांकि भारतीय सेना पाकिस्तान को लगातार धूल चटा रही है इसके बाद भी वह हिमाकत करने से बाज नहीं आ रहा है. ऑपरेशन सिंदूर से खौफजदा पाकिस्तान एलओसी पर लगातार गोलीबारी (Pakistan LoC Firing) कर आसपास के गावों को निशाना बनाने की नापाक कोशिश कर रहा है. राजस्थान से लेकर जम्मू-कश्मीर तक, NDTV के रिपोर्टर अलग-अलग जगहों पर मौजूद हैं और वहां से ग्राउंड रिपोर्ट भेज रहे हैं. पुंछ का क्या हाल है. हमारे रिपोर्टर अनुराग द्वारी की आंखोंदेखी..
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मैं अनुराग द्वारी हूं, और मैं पुंछ में हूं ... तीनों ओर से पहाड़ियों से घिरा ये शहर, मानो किसी मूक वेदना को ओढ़े बैठा है. यहां की हवा में सन्नाटा नहीं, एक जंग का अक्स है... पाकिस्तान की मंशाओं की दहशत हर दरवाज़े पर निशान छोड़ गई है. रात की नींदें अब चीखों में तब्दील हो चुकी हैं. गोलियों की आवाज़ें लोरियों की जगह ले चुकी हैं. दो रातों से लगातार बमबारी, और हर सुबह एक नया मातम लेकर आती है. मैं एक घर से निकलता हूं... और किसी और घर की दहलीज़ पर दर्द बिछा होता है.
जपनीत कौर, एक मासूम लड़की, जो डॉक्टर बनना चाहती थी, अब अपने पिता अमरीक सिंह को खो चुकी है.
उसकी आंखों में जो सवाल हैं, उन्हें पढ़ते हुए मेरी बेटी याद आती है… वह भी ग्यारहवीं में है… और मैं जवाब देने से कतराता हूं. जपनीत ने कहा, "हम दौड़ते हुए नीचे गए... वहां एक स्टोर था... जैसे ही पहुंचे, बम गिरा... कोई एंबुलेंस नहीं, कोई मदद नहीं... पापा नहीं बचे...
एक मोड़ पर गुरुद्वारे के पास पहुंचा. श्री गुरु सिंह सभा साहिब, जहां शबद गूंजते थे, वहां अब दीवारों में छेद हैं. अमरीक सिंह, वही रागी, जिसने लोगों को कहा था घर से न निकलें- खुद घर लौटे और फिर लौटकर नहीं आए.
वहां के ग्रंथी साबिर सिंह ने कहा "अगर भीड़ होती, तो कई जानें जातीं… क्योंकि कुछ देर पहले ही गुरूद्वारे में 150-200 लोग बैठे थे, पहले भेरौ मंदिर पर गिरा फिर यहां गिरा ... उन्होने खुद एनाउंसमेंट की थी आज घरों से बाहर नहीं आना है लेकिन वो घर गये फिर उनकी मौत हो गई "
हर गली, हर मोहल्ला, पाकिस्तान की गोलियों की गवाही दे रहा है. सिंडिकेट मोहल्ला में रंजीत सिंह का घर- शटर पर इतने छेद जैसे किसीने मशीन से छलनी किया हो. बलबीर सिंह की आवाज़ में अब भी सिसकियां हैं... अचानक दोस्त का फोन आया, बात कर रहा था यहां से शेल पड़ा जितने स्प्लिंटर थे... मुझे आवाज़ आई मैंने बोला मेरा भाई बाहर गया था मैं भाग कर नीचे आया यहां धुंआ-धुंआ पड़ा था मुझे शक हुआ ... वो नहीं रहा मैंने आवाज लगाई रोते हुए दूसरा भैय्या बोला कोई गिरा है मैंने कहा मेरा भाई है, घर के गेट पर लेकर गये थोड़ा पानी डाला इतने में उसकी मौत हो गई ...
घर, जिनमें कभी चूल्हे जलते थे, अब राख बन चुके हैं.
गुरमीत कौर मुझे छर्रे दिखाती हैं-हथेली पर रखे ये लोहे के टुकड़े, अब उनके सपनों में कांटे बन गए हैं. हमें डर लगा उस कमरे से यहां भागे यहां भी टूटने लगा हम चीखने लगे, फिर हम दीदी के घर चले गये.
मोहम्मद हफीज के घर में एक ही छत के नीचे 17 लोग थे- बम गिरा, तीसरी मंजिल जलकर खाक हो गई. उन्होंने कहा, "हमने सामान इकट्ठा किया था, कोई नहीं जानता था कि यही सामान हमारे सिर पर टूट पड़ेगा..." "गुरुद्वारा नहीं बचा, मंदिर नहीं बचा, मस्जिद नहीं बची... रात भर बमबारी चलती रही सिटी को सुबह टारगेट किया ... हमारे 13 लोगों की मौत हुई, 50 घायल हुए... 47 के बाद पहली बार टारगेट किया... एक गोला हमारे घर पर पड़ा सामान इसलिये था 3 दिन पहले चाचा सीरियस थे हम 3 फैमिली यहां रहते हैं सारा सामान लेकर आए थे.
अचानक गोलीबारी हुई तो पहले जान बचाई अल्लाह का शुक्र है .... अटल जी की बात याद आती है बार-बार से अच्छा एक बार हो जाए मसला खत्म हो जाए हम तंग आ गये हैं ... आज पाकिस्तान ने खुल्लम खुल्ला कर दिया मंदिर को नहीं बख्शा, मस्जिद को नहीं बख्शा... गुरूद्वारे को नहीं बख्शा "
लेकिन इस तबाही के बीच भी... भाईचारे की एक लौ है, जो बुझी नहीं है
निरंजन सिंह और मोहम्मद सादिक जैसे लोग एक-दूसरे की कुशलता पूछने निकले. मोहम्मद सादिक ने कहा कि गोलियों के बीच भी वो जब टारगेट करते हैं धर्म को नहीं हिन्दुस्तान को ... अखाड़े को भी मारा गीता भवन में भी बम बरसाए ... ये बात करते हैं कश्मीर की, वो हमारा है मुल्क हमारा है फौज हमारी है वो उसके बाप का नहीं है अब इसका हल यही है दोनों कश्मीर को एक कर दो हिन्दुस्तान हर लिहाज से दुनिया में नंबर वन है...
उनके घर में बच्चों को चॉकलेट खाता देख - उन मासूम चेहरों को देख... बस इतना सोचता हूं, काश, पूरी दुनिया पुंछ जैसी होती-घायल, लेकिन एकजुट.
अब यहां की गलियां वीरान हो रही हैं
लोग पलायन कर रहे हैं... जिसको जो साधन मिला, मां-बच्चों को लेकर निकल पड़ा है. खलील अहमद बोले, "हम ससुराल जा रहे हैं... ऐलान हुआ है छोड़ दो, बहुत डर लग रहा है... हम अपने ससुर के पास जा रहे हैं, सुरनकोट में ऐलान हो गया यहां से छोड़ जाओ. शेलिंग की वजह से बहुत डर लगा रहा है, हमारे हिन्दुस्तान की अल्लाह पाक हिफाजत करे"
भारत की सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था और पाकिस्तान ने उसके जवाब में, शहर को निशाना बनाया. 13 लोग मारे गए, 50 घायल...और मैं जानता हूं, हर घायल शरीर के भीतर एक टूटी हुई आत्मा भी है. मैं अनुराग द्वारी हूं... और मैं पुंछ से देख रहा हूं कैसे एक पूरा शहर जख्मों के साथ ज़िंदा रहने की कोशिश कर रहा है.