शौर्यगाथा ‘ऑपरेशन सिंदूर’: तांडव- उस रात जब भारत ने पाकिस्तान में झोंक दी ‘नरक की आग’… EP 4

Story Of Operation Sindoor: एनडीटीवी इंडिया आपके लिए लेकर आया है शौर्यगाथा ‘ऑपरेशन सिंदूर’. 5 एपिसोड की इस सीरिज में हम आपको बताएंगे तीनों सेनाओं की उस पराक्रम की कहानी जिसने पूरे देश का मस्तक आज गर्व से ऊंचा कर दिया है.

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India-Pakistan Operation Sindoor: शौर्यगाथा ‘ऑपरेशन सिंदूर’: तांडव

हित-वचन नहीं तूने माना,
मैत्री का मूल्य न पहचाना,
तो ले, मैं भी अब जाता हूं,
अंतिम संकल्प सुनाता हूं.
याचना नहीं, अब रण होगा,
जीवन-जय या कि मरण होगा.

भारत की सेना ने 12 मई के दिन इस्लामाबाद को राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के अमर शब्दों में यह मैसेज साफ-साफ दिया था. तब ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद (Operation Sindoor) सीजफायर की घोषणा हो चुकी थी और अटैक शब्दों से ही किया जा रहा था. लेकिन इसके दो दिन पहले यानी 10 मई को भारत ने अपनी शौर्यगाथा का तांडव चैप्टर दिखाया था. उस दिन इस्लामाबाद को अपना वो रौद्र रूप दिखाया कि उसे भारत के पास आकर सीजफायर की अपील तक करनी पड़ी थी, जिसे मान लिया गया. 

हम आपके लिए लेकर आए हैं शौर्यगाथा ‘ऑपरेशन सिंदूर'. 5 एपिसोड की इस सीरिज में हम आपको बताएंगे हमारी तीनों सेनाओं की उस पराक्रम की कहानी जिसने पूरे देश का मस्तक आज गर्व से ऊंचा कर दिया है, पाकिस्तान को पाकिस्तान के अंदर चोट पहुंचाई है. वैसे प्रहार तो आतंकवादियों पर शुरू किया लेकिन जब पाकिस्तान ने हिमाकत दिखाई तो उसकी सेना को अपनी ताकत दिखाई. यह है शौर्यगाथा ‘ऑपरेशन सिंदूर' का चौथा एपिसोड– ‘तांडव'. इससे पहले के सभीएपिसोड को पढ़ने के यहां क्लिक करें.

शौर्यगाथा ‘ऑपरेशन सिंदूर'– ‘तांडव'

‘तांडव डे' के दो दिन पहले अमेरिका ने कूटनीतिक कोशिशें तेज कर दी थी. पाकिस्तान भारत पर ऑपरेशन सिंदूर पर जवाबी कार्रवाई की धमकी दे रहा था और भारत ने अपनी चेतावनी साफ दे दी थी कि ऐसे किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. पाकिस्तान पर नाश छा रखा था और उसने अपने विवेक का इस्तेमाल बंद कर दिया था. इस्लामाबाद ने लिमिट क्रॉस कर दी- अमृतसर, जम्मू, श्रीनगर और 26 अन्य स्थानों पर ड्रोन हमले किए. भारत ने 8 मई को जवाबी कार्रवाई में लाहौर में पाकिस्तान की HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर दिया और सियालकोट और इस्लामाबाद सहित प्रमुख शहरों को निशाना बनाया. भारत की धाक के साथ अगले दिन का सूरज उगा. 9 मई को भी अमेरिका दोनों देशों में फोन घुमा रहा था. लेकिन भारत ने साफ कर दिया था कि वह पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत करते समय किसी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा और अगर पाकिस्तान ने किसी तरह से भी भारत को उकसाया तो उसे उसकी भाषा में ही जवाब दिया जाएगा. 

तनाव संघर्ष का रूप ले चुका था और अब युद्ध की ओर तेजी से बढ़ता जा रहा था. दोनों देशों में नागरिक जीवन बाधित हो गया, भारत में आईपीएल रोक दिया गया तो पाकिस्तान ने अपनी घरेलू क्रिकेट लीग को स्थगित कर दिया. कई राज्यों में स्कूल बंद कर दिए गए और भारत में कम से कम 36 स्थानों पर मिसाइल देखे जाने की सूचना मिली.

9 मई की रात आई तो पाकिस्तान वो शिशुपाल हो गया जिसने 101वीं गलती कर दी थी और उसे माफी नहीं मिल सकती थी. पाकिस्तान की आखिरी गलती यह थी कि उसने भारतीय वायु सेना के चार प्रमुख एयर बेस- उधमपुर, पठानकोट, आदमपुर और भुज पर एयरस्ट्राइक करने की कोशिश की. अब बारी भारत के सटीक और तीखे जवाब की थी. भारत ने 10 मई को तड़के सुबह (रात 1 के बाद) पाकिस्तान के हवाई अड्डों पर सटीक हमले किए.

10 मई को तड़के सुबह अभी सूरज जगा भी नहीं था कि भारतीय वायु सेना ने हवा से लॉन्च किए गए सटीक हथियारों का उपयोग करके पाकिस्तान के अंदर 11 सैन्य स्थलों पर हमला किया. एयर मार्शल एके भारती ने बताया, "तीन घंटे के भीतर, नूर खान, रफीकी, मुरीद, सुक्कुर, सियालकोट, पसरूर, चुनियन, सरगोधा, स्करू, भोलारी और जैकोबाबाद सहित 11 ठिकानों पर हमला किया गया." इसके अलावा, सगोधा और भोलारी जैसे हथियार रखने वाले डिपो और ठिकानों पर भी हमला किया गया, जहां F-16 और JF-17 लड़ाकू विमान तैनात थे. उन्होंने कहा, इससे पाकिस्तान की वायु सेना का 20 प्रतिशत इंफ्रास्ट्रक्चर नष्ट हो गया. भोलारी एयर बेस पर पाकिस्तान के स्क्वाड्रन लीडर उस्मान यूसुफ और चार वायुसैनिकों सहित 50 से अधिक लोग मारे गए. यह भारत का तांडव था.

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एयर मार्शल एके भारती ने कहा भारत का जवाब "तेज, कॉर्डिनेटेड और कैलिब्रेटेड" था. पश्चिमी मोर्चे पर पाकिस्तान के हवाई अड्डों, कमांड सेंटरों, सैन्य बुनियादी ढांचे और एयर डिफेंस सिस्टम को टारगेट किया गया था. उन्होंने बताया था कि पाकिस्तान को "एक स्पष्ट मेसेज भेजा गया कि आक्रामकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी." एनडीटीवी से सरकारी सूत्रों ने कहा था, "9 मई और 10 मई की सुबह भारत ने पाकिस्तान पर जो हवाई हमले किए थे वो निर्णायक मोड़ साबित हुए थे. भारत ने 'नरक की आग' झोंक दी थी." 

पाकिस्तान अपने घुटनों पर था और भारत से रहम दिखाने को कहना अब उसकी मजबूरी हो चुकी थी. उसके सामने केवल एक ही विकल्प था कि वह फोन उठाए और भारत को मिलकार उससे सीजफायर की गुहार लगाए. साथ ही यह दुआ करे कि भारत का तांडव फेज खत्म हो गया हो और वह अपील स्वीकार कर ले. अगले और आखिरी एपिसोड में यहीं से शुरू करेंगे शौर्यगाथा ‘ऑपरेशन सिंदूर' का पांचवा अध्याय- ‘पाक का सरेंडर'. बने रहिए एनडीटीवी इंडिया के साथ. 

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