दक्षिण अफ्रीका में मिला कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन दुनिया के कई देशों में फैल चुका है. भारत में भी इस वैरिएंट के हजारों मामले सामने आए हैं. इस बीच सोमवार को बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने कहा है कि मुंबई में जीनोम सिक्वेंसिंग (Genome Sequencing) के नवीनतम दौर में जांचे गए स्वाब सैंपलों में से लगभग 95 प्रतिशत सैंपल ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित पाए गए, जो दिसंबर के अंत में कोरोनोवायरस महामारी की तीसरी लहर का कारण बना. कुल 190 सैंपलों में से 180 (94.74 प्रतिशत) ओमिक्रॉन से संक्रमित पाए गए. वहीं तीन डेल्टा वैरिएंट (1.58 प्रतिशत) और छह अन्य प्रकार के कोरोनावायरस (3.16 प्रतिशत) के स्ट्रेन से संक्रमित पाए गए. बीएमसी ने उक्त बातें एक विज्ञप्ति में शहर में जीनोम सिक्वेंसिंग के नौवें दौर के जांच परिणामों का हवाला देते हुए कहा. यह भी कहा गया है कि मुंबई के 190 मरीजों में से जिनके स्वाब के नमूने जीनोम सिक्वेसिंग के लिए भेजे गए थे, उनमें से 23 की मौत हो चुकी है और उनमें से 21 ओमिक्रॉन से संक्रमित थे.
जीनोम सिक्वेंसिंग के 9वें दौर में 282 सैंपल की जांच की गई थी. इनमें से 190 सैंपल मुंबई और शेष महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों के थे. बीएमसी ने कहा कि 190 रोगियों में से 74 रोगी (39 प्रतिशत) 61 से 80 वर्ष के आयु वर्ग में थे. इसके बाद 41 से 60 वर्ष में 41 रोगी (22 प्रतिशत) और 21 से 40 वर्ष में 36 (19 प्रतिशत) थे. 81 से 100 वर्ष में 22 रोगी (12 प्रतिशत) और 0 से 18 आयु वर्ग में 17 रोगी (9 प्रतिशत) थे. 190 संक्रमित मरीजों में से 13 की उम्र 18 साल से कम थी. विज्ञप्ति के अनुसार इनमें से 11 ओमिक्रॉन से संक्रमित थे.
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बीएमसी ने कहा कि 190 में से 106 मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ी. इनमें से पांच ने कोरोना वैक्सीन की केवल पहली खुराक ही ली थी और 50 ने दोनों खुराक ली थी. जबकि 51 ने कोई खुराक नहीं ली थी. इन 106 रोगियों में से केवल नौ को ऑक्सीजन की आवश्यकता थी, जबकि 11 को आईसीयू में भर्ती कराया गया था.
23 मौतों में से 21 मरीज 60 साल से अधिक उम्र के थे. उनमें से पंद्रह ने COVID-19 वैक्सीन की कोई खुराक नहीं ली थी. इसके अलावा 22 रोगियों की मौत लक्षण विकसित होने के सात दिनों के भीतर हो गई. बीएमसी ने कहा कि मुंबई में सोमवार को 192 नए कोरोना के मामले दर्ज किए गए.
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