भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, सऊदी अरब और यूरोपीय संघ सहित 9 देशों ने एक मेगा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप शिपिंग और रेलवे कनेक्टिविटी कॉरिडोर शुरू करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते की घोषणा की. इस समझौते की घोषणा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मित्र बाइडेन के साथ इस इवेंट को को-चेयर करते हुए हार्दिक खुशी हो रही है. आज हम सब ने एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक समझौता संपन्न होते हुए देखा है. आने वाले समय में ये भारत, पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच इकोनॉमिक इंटिग्रेशन का प्रभावी माध्यम होगा. ये पूरे विश्व में कनेक्टिविटी और विकास को सस्टेनेबल दिशा प्रदान करेगा.
"मजबूत कनेक्टिविटी और इन्फ्रस्ट्रक्चर जरूरी"
एम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन, मोहम्मद बिन सलमान, शेख मोहम्मद बिन जायद, मैक्रों सहित सभी 9 देशों के प्रमुखों को इस इनिशिएटिव के लिए मैं बहुत बहुत बधाई देता हूं. मजबूत कनेक्टिविटी और इन्फ्रस्ट्रक्चर मानव सभ्यता के विकास का मूल आधार है. भारत ने अपनी विकास यात्रा में इस विषय को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ सोशल, डिजिटल तथा फाइनेंशियल इंफ्रस्ट्रक्चर में अभूतपूर्व पैमाने पर निवेश हो रहा है. इससे हम एक विकसित भारत की मजबूत नींव रख रहे हैं. हमने ग्लोबल साउथ के अनेक देशों में एक विश्वसनीय पार्टनर के रूप में एनर्जी, रेलवे, वाटर जैसे क्षेत्रों में इंफ्रस्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स इंप्लीमेंट किए हैं. इन प्रयासों में हमने डिमांड ड्रिवेन और ट्रांसपैरेंट अप्रोच पर विशेष रूप से बाल दिया है. पीजीआईआई के माध्यम से हम ग्लोबल साउथ के देशों में इंफ्रस्ट्रक्चर गैप को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं.
"सपनों के विस्तार के बीज बो रहे"
पीएम मोदी ने कहा कि भारत कनेक्टिविटी को क्षेत्रीय सीमाओं में नहीं मापता. सभी क्षेत्रों के साथ कनेक्टिविटी भारत की मुख्य प्राथमिकता है. हमारा मानना है कि कनेक्टिविटी विभिन्न देशों के बीच आपसी व्यापार नहीं, आपसी विश्वास भी बढ़ाने का स्रोत है. कनेक्टिविटी इनिशिएटिव को प्रमोट करते हुए कुछ मूलभूत सिद्धांतों का सुनिश्चित किया जाना महत्वपूर्ण है, जैसे अंतरराष्ट्रीय मापदंड, नियमों तथा कानून का पालन. सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान. डेब्ट बर्डन की जगह फाइनेंशियल वाइबलिटी को बढ़ावा देना और पर्यावरण के सभी मापदंडों का पालन करना. आज जब हम कनेक्टिविटी का इतना बड़ा इनिशिएटिव ले रहे हैं तब हम आने वाली पीढ़ियों के सपनों के विस्तार के बीज बो रहे हैं.
PM मोदी को धन्यवाद : बाइडेन
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप शिपिंग और रेलवे कनेक्टिविटी कॉरिडोर की घोषणा को एक बड़ी बात करार देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अगले दशक में, भागीदार देश निम्न-मध्यम आय वाले देशों में बुनियादी ढांचे की कमी को दूर करेंगे. बाइडेन ने कहा कि इस योजना में शामिल सभी 9 देशों के प्रमुखों को साथियों को धन्यवाद. यह वास्तव में एक बड़ी बात है. मैं प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं. एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य यही इस जी20 शिखर सम्मेलन का फोकस है और कई मायनों में, यह इस साझेदारी का भी फोकस है कि हम-आप आज के बारे में बात कर रहे हैं.
"अपनी तरह की पहली पहल"
अमेरिकी राष्ट्रपति ने पार्टनरशिप फॉर ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट (पीजीआईआई) और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह गलियारा भारत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका से जुड़े कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे पर सहयोग पर एक ऐतिहासिक और अपनी तरह की पहली पहल है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि टिकाऊ, लचीले बुनियादी ढांचे का निर्माण, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे में निवेश करना और बेहतर भविष्य का निर्माण करना इसका लक्ष्य है.
'आर्थिक गलियारा' कई बार सुनेंगे
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले साल, हम इस दृष्टिकोण के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए एक साथ आए थे और आज दोपहर संयुक्त राज्य अमेरिका और हमारे साझेदार इसे वास्तविकता बनाने के लिए काम कर रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि आप 'आर्थिक गलियारा' वाक्यांश को कई बार सुनेंगे. कुछ महीने पहले घोषणा की गई थी कि संयुक्त राज्य अमेरिका आर्थिक गलियारों में निवेश के लिए अपने सहयोगियों के साथ काम करेगा. मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि यह कॉरिडोर आज लॉन्च हो रहा है.