GDP आंकड़े आने से पहले गुड न्‍यूज लेकर आई ये रिपोर्ट, अमेरिकी टैरिफ के बावजूद देश की ग्रोथ रेट 7.5% रहने का अनुमान

यूनियन बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.5 प्रतिशत तक पहुंच सकती है, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है. यूनियन बैंक ने GST दरों में कटौती से मांग को समर्थन मिलने और तीसरी तिमाही में सुधार की उम्मीद जताई है.

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India GDP Growth: देश की GDP ग्रोथ पर नई रिपोर्ट आई है.

India GDP Growth: भारत की आर्थिक विकास दर (GDP Growth Rate) मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उम्‍मीद से ज्‍यादा मजबूत रहने की उम्मीद है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ रेट 7.5 फीसदी तक पहुंच सकती है. ये आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही (Q2 FY25) में दर्ज की गई 5.6 फीसदी की ग्रोथ रेट से काफी अधिक है. केंद्र 28 नवंबर, शुक्रवार को दूसरी तिमाही (Q2 FY26) के आधिकारिक जीडीपी आंकड़े जारी करेगी.

ग्रोथ के पीछे कई फैक्‍टर्स

यूनियन बैंक की रिपोर्ट में इस तेज ग्रोथ के पीछे कई फैक्‍टर्स बताए गए हैं.

  • बेहतर आधार प्रभाव (Favourable Base Effect): पिछले साल की कम ग्रोथ रेट के चलते इस साल आंकड़े ज्यादा दिखेंगे.
  • मजबूत सरकारी खर्च: केंद्र सरकार की ओर से किया गया मजबूत खर्च भी जीडीपी की ओवरऑल ग्रोथ को सपोर्ट कर रहे हैं.
  • निर्यात में तेजी: अमेरिकी टैरिफ (शुल्क) लगने से पहले भारतीय कंपनियों की ओर से निर्यात के कारण भी इस तिमाही में ग्रोथ रेट अच्छी रही.
  • प्राइवेट सेक्‍टर की गतिविधि: कृषि और सार्वजनिक प्रशासन को छोड़कर निजी क्षेत्र की गतिविधियां 8% पर मजबूत बनी हुई हैं, जो अर्थव्यवस्था में जमीनी स्तर पर हो रहे अच्छे काम को दर्शाती है.
  • सकल मूल्य वर्धन: GVA ग्रोथ भी Q2 FY26 में 7.3 फीसदी रहने की उम्मीद है, जो Q2 FY25 के 5.8 फीसदी से अधिक है. हालांकि, यह वृद्धि दर पिछली तिमाही (Q1 FY26) के 7.8 फीसदी से थोड़ी कम रहेगी.

आगे कुछ चिंता भी, पॉजिटिव संकेत भी

यूनियन बैंक ने अपनी रिपोर्ट में आगाह किया है कि वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही (अक्टूबर 2025 से मार्च 2026) में विकास की गति में कुछ नरमी देखने को मिल सकती है. बेहतर आधार प्रभाव जैसे सांख्यिकीय कारक धीरे-धीरे कम होने लगेंगे. महंगाई (Inflation) में बढ़ोतरी भी एक फैक्‍टर है. Q4 में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) दोनों में महंगाई बढ़ सकती है. वहीं, अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने में देरी से भी ग्रोथ पर असर पड़ सकता है.

बैंक का अनुमान है कि भले ही वास्तविक जीडीपी (Real GDP) में ग्रोथ होगी, लेकिन कम महंगाई दर के कारण सांख्यिकीय जीडीपी (Nominal GDP) ग्रोथ रेट में गिरावट आ सकती है. वहीं पॉजिटिव संकेतों को लेकर बैंक ने कहा कि GST दरों में कटौती से मांग को समर्थन मिलने और Q3 FY26 के जीडीपी नंबरों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है. यूनियन बैंक ने पूरे वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट का लक्ष्य बढ़ाकर 7.1 फीसदी कर दिया है.

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