'भारत मदद के रूप में श्रीलंका को 3.8 अरब डॉलर देने के प्रति प्रतिबद्ध', विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि भारत ने आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका की मदद के लिए 3.8 अरब अमेरिकी डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई है.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
नई दिल्ली:

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि भारत ने आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका की मदद के लिए 3.8 अरब अमेरिकी डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई है, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘पड़ोस पहले' नीति के तहत सरकार देश के पड़ोसियों की जरूरतों को पूरा करने की कोशिश करने और उनकी मदद करने के लिए विशेष प्रयास करती है, मंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘हमने श्रीलंका को ‘लाइन ऑफ क्रेडिट' दिया है, जिसके कारण पिछले कई महीनों से भारत से आवश्यक वस्तुएं उनके पास जा रही हैं, हमने उन्हें ईंधन की खरीद के लिए भी ‘लाइन ऑफ क्रेडिट' दिया है, फिलहाल, हमारा ध्यान संकट से उबरने में उनकी मदद करने पर है,''

उन्होंने कहा, ‘‘इस साल केवल हमने उनकी मदद के लिए उन्हें लगभग 3.8 अरब डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई है, हम उनके सबसे बड़े समर्थक रहे हैं, यह एक कारण है कि जिसकी मदद से वे स्थिति को और खराब होने से रोकने में सक्षम रहे हैं,''‘लाइन ऑफ क्रेडिट' (एलओसी) एक पूर्व निर्धारित उधारी सीमा है और उधारकर्ता अपनी आवश्यकतानुसार तब तक धन ले सकता है, जब तक कि वह उधार की पहले से तय अधिकतम सीमा तक न पहुंच जाए,

जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार हमेशा से श्रीलंका का समर्थन करती रही है और वह आर्थिक संकट का सामना कर रहे अपने पड़ोसी देश की हरसंभव मदद करने की कोशिश कर रही है,जयशंकर ने श्रीलंका की मौजूदा स्थिति के परिणामस्वरूप शरणार्थी संकट की आशंका से भी इनकार किया, रूस से तेल खरीदने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं सबसे सस्ता तेल खरीदना चाहता हूं, यह खरीद रूस से हो भी सकती है और नहीं भी, मेरी चिंता का विषय ईंधन की बढ़ती कीमतों के कारण यहां के लोगों की समस्या का समाधान करना है,''

Advertisement

उन्होंने कहा कि चूंकि केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर करों में कटौती की है, इसलिए राज्यों को भी इसी तरह के प्रयास करने चाहिए ताकि लोग इसका लाभ उठा सकें,इससे पहले, केरल के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे विदेश मंत्री ने तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम श्रीलंका का हमेशा से समर्थन करते रहे हैं, हम मदद करने की कोशिश कर रहे हैं और हमने हमेशा ही संकट के समय उनकी बहुत मदद की है,''

Advertisement

श्रीलंका में मौजूदा आर्थिक संकट के सवाल पर जयशंकर ने कहा, ‘‘वे अभी अपनी समस्याओं को कम करने के लिए कुछ कदम उठा रहे हैं, इसलिए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि वे क्या करते हैं,''यह पूछे जाने पर कि क्या कोई शरणार्थी संकट है, विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘फिलहाल अभी कोई शरणार्थी संकट नहीं है,'' जयशंकर से संवाददाताओं ने उनके दौरे का कारण भी पूछा, जिस पर उन्होंने जवाब दिया कि इस दौरे के कई कारण हैं,

Advertisement

उन्होंने कहा कि वह यहां अपने पार्टी सहयोगियों के साथ समय बिताना चाहते हैं और समझना चाहते हैं कि वे कैसे काम कर रहे हैं तथा केरल में क्या हो रहा है,केरल में भाजपा की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि पार्टी की स्थिति पूरे देश में ही बेहतर है,उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कहीं भी कोई अपवाद नहीं है, लेकिन हम पार्टी के लिए संभावनाओं को बेहतर बनाने की दिशा में काम करते रहेंगे,''
 

Advertisement
Topics mentioned in this article