Independence Day: तिरंगे को लहराने के लिए गांठ कैसे लगाएं, जानिए सही तरीका

भारत का राष्ट्रीय ध्वज सिर्फ एक कपड़ा नहीं है, यह हमारी आज़ादी, बलिदान और एकता का प्रतीक है. भारतीय ध्वज संहिता (Flag Code of India) में तिरंगे के सम्मान और सही उपयोग के स्पष्ट नियम दिए गए हैं.

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  • भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फहराने से पहले सही तरीके से गांठ लगाना जरूरी है जिससे उसका सम्मान बना रहे
  • भारतीय ध्वज संहिता में तिरंगे के सम्मान और उपयोग के स्पष्ट नियम दिए गए हैं जिन्हें सभी नागरिकों को जानना चाहिए
  • ध्वज को फहराने के लिए ध्वज-दंड साफ और मजबूत होना चाहिए तथा रस्सी को पोल के शीर्ष की पुली में डाला जाता है
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नई दिल्ली:

15 अगस्त और 26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय पर्व हमारे दिलों में देशभक्ति की लहर दौड़ा देते हैं. इन खास मौकों पर जब आसमान में तिरंगा शान से लहराता है, तो हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है. लेकिन तिरंगे को लहराने से पहले उसका सही ढंग से तैयार होना भी उतना ही जरूरी है और इसमें सबसे अहम है तिरंगे को फहराने के लिए गांठ लगाना. 

भारत का राष्ट्रीय ध्वज सिर्फ एक कपड़ा नहीं है, यह हमारी आज़ादी, बलिदान और एकता का प्रतीक है. भारतीय ध्वज संहिता (Flag Code of India) में तिरंगे के सम्मान और सही उपयोग के स्पष्ट नियम दिए गए हैं.  तिरंगे को फहराने में लापरवाही न केवल असम्मान है, बल्कि कानूनी अपराध भी हो सकता है. इसलिए, चाहे स्कूल का समारोह हो, सरकारी आयोजन या आपके मोहल्ले का झंडारोहण तिरंगे को तैयार करने के नियम हर नागरिक को पता होने चाहिए. 

गांठ लगाने का क्या है सही तरीका?

  • ध्वज-दंड (Flag Pole) तैयार करें – सबसे पहले सुनिश्चित करें कि पोल साफ और मजबूत हो.
  • रस्सी (Halyard) डालें – पोल के शीर्ष पर लगी पुली में रस्सी डालें और दोनों सिरे नीचे रखें.
  • तिरंगे को बांधें – तिरंगे के ऊपर के किनारे (खंभे से जुड़ने वाले हिस्से) में मौजूद हेड-बैंड के लूप या आंख में रस्सी का एक सिरा डालें. 
  • बोलाइन नॉट (Bowline Knot) या क्लोव हिच (Clove Hitch) का उपयोग करें. ये गांठ मजबूत होती हैं और फहराते समय खुलती नहीं हैं. 
  • संतुलन जांचें – तिरंगा सीधा और बिना सिलवटों के लटकना चाहिए. 
  • फहराने से पहले सावधानी – रस्सी के दूसरे सिरे को अच्छी तरह बांधें ताकि हवा में खुल न जाए. 

तिरंगे का सम्मान करते समय ये बात जरूर याद रखें

  • तिरंगे को कभी जमीन पर न लगने दें.
  • इसे उल्टा न फहराएं. केसरिया रंग हमेशा ऊपर रहना चाहिए. 
  • फटे या मैले तिरंगे का उपयोग न करें. 
  • तिरंगे को सूर्यास्त के बाद फहराना सामान्यतः वर्जित है (कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर)
  • तिरंगे को गांठ लगाने की यह प्रक्रिया भले ही तकनीकी लगे, लेकिन असल में यह सम्मान की रस्म है. जिस तरह सैनिक अपने हथियार की सफाई और देखभाल को धर्म मानते हैं, उसी तरह नागरिक के रूप में तिरंगे की तैयारी और सम्मान भी हमारी जिम्मेदारी है. 

 

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