पीएम मोदी - राष्ट्रपति पुतिन के बीच व्यक्तिगत तौर पर होने वाले शिखर सम्मेलन के इस साल होने की संभावना कम

भारत-रूस के बीच पिछले साल दिसंबर में यह वार्ता हुई थी. उस दौरान रूस के राष्ट्रपति पुतिन भारत की छह घंटे की यात्रा पर आए थे.

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भारत-रूस के बीच इस साल नहीं होगा शिखर सम्मेलन
नई दिल्ली:

भारत और रूस के बीच इस साल होने वाले शिखर सम्मेलन की संभावना अब कम ही दिख रही है. सूत्रों ने NDTV को बताया कि पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन इस साल होने वाले वार्षिक सम्मेलन में शायद न मिल पाएं .पीएम मोदी के लिए इस साल इंडोनेशिया के बाली में होने वाला जी20 सम्मेलन आखिरी सम्मेलन होगा जिसके लिए वो विदेश जाएंगे. 

भारत-रूस के बीच पिछले साल दिसंबर में यह वार्ता हुई थी. उस दौरान रूस के राष्ट्रपति पुतिन भारत की छह घंटे की यात्रा पर आए थे. अब इस साल इस सम्मेलन का आयोजन रूस को कराना था. लेकिन रूस बीते 11 महीनों से यूक्रेन से युद्ध लड़ रहा है, जिस वजह से अभी तक इस सम्मेलन की तारीखों का कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है. अब चुकि साल खत्म होने को हैं लिहाजा इस सम्मेलन के अब होने की संभावना ना के बराबर है.

बता दें कि पिछले साल हुए इस सम्मेलन में भारत ने रूस से कई अहम मुद्दों पर बात की थी. उस दौरान रूस के साथ ‘‘2+2'' रक्षा एवं विदेश मंत्री स्तरीय वार्ता में भारत ने उसके पड़ोस में ‘‘असाधारण सैन्यीकरण'' और उत्तरी सीमा पर ‘‘बिना उकसावे वाली आक्रमकता'' को देश के समक्ष प्रमुख चुनौतियां बताया था. वार्ता में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में दावा किया था कि भारत अपनी दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और अपने लोगों की निहित क्षमताओं के कारण चुनौतियों से पार पाने को लेकर आश्वस्त है. सिंह के अतिरिक्त वार्ता में विदेश मंत्री एस जयशंकर, उनके रूसी समकक्ष सर्जेइ लावरोव और रूस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गे शोइगु ने हिस्सा लिया था. 

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रक्षा मंत्री सिंह ने कहा था कि महामारी, हमारे पड़ोस में असाधारण सैन्यीकरण, आयुधों का विस्तार और 2020 के ग्रीष्म से हमारी उत्तरी सीमा पर बिना उकसावे की आक्रामकता से कई चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं. ​हालांकि सिंह ने पूर्वी लद्दाख में बिना उकसावे की आक्रामकता का उल्लेख करते हुए चीन का नाम नहीं लिया था. 

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