असम में डॉक्टर ने समय से पहले किया महिला का ऑपरेशन, भ्रूण के अविकसित होने पर फिर लगाया टांका

अस्पताल प्रशासन ने कहा, ‘‘हमें ऐसी घटना के बारे में रिपोर्ट मिली है. हम तथ्यों को सुनिश्चित कर लेने के लिए जांच कर रहे हैं. डॉक्टर या किसी अन्य के दोषी पाये जाने पर उसके विरूद्ध कार्रवाई जांच रिपोर्ट के आधार पर ही की जाएगी.’’

Advertisement
Read Time: 15 mins
करीमगंज:

असम के एक अस्पताल में एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ ने प्रसव के निर्धारित समय से करीब साढ़े तीन महीने पहले ही एक गर्भवती महिला का कथित रूप से ऑपरेशन कर दिया और जब उसे पता चला कि भ्रूण पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है तब उसने टांके लगा दिये. गर्भवती महिला का करीमगंज सिविल अस्पताल में यह ऑपरेशन हुआ. अस्पताल के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि तथ्यों को सुनिश्चित कर लेने के लिए जांच करायी जा रही है. संबंधित डॉक्टर ने कथित रूप से इस मामले को दबाने का प्रयत्न किया और गर्भवती महिला के परिवार के सदस्यों से इसके बारे में किसी को नहीं बताने को कहा. लेकिन अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद जब मरीज का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा तब उसके रिश्तेदारों एवं पड़ोसियों को इसके बारे में पता चल गया.

अस्पताल प्रशासन ने कहा, ‘‘हमें ऐसी घटना के बारे में रिपोर्ट मिली है. हम तथ्यों को सुनिश्चित कर लेने के लिए जांच कर रहे हैं. डॉक्टर या किसी अन्य के दोषी पाये जाने पर उसके विरूद्ध कार्रवाई जांच रिपोर्ट के आधार पर ही की जाएगी.'' इसने कहा कि मामले की जांच के लिए 11 सदस्यीय समिति गठित की गयी है और शुक्रवार को प्राथमिक रिपोर्ट सौंपी गयी. उन्होंने कहा, ‘‘हमने प्राथमिकी रिपोर्ट गुवाहाटी में स्वास्थ्य विभाग को भेज दी है. हम पूर्ण रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.''

परिवार के अनुसार गर्भवती महिला को तबीयत सही नहीं लग रही थी जिसके बाद उसे 21 अगस्त को उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि दो दिनों तक निगरानी में रखने के बाद डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराये बिना ही 23 अगस्त को उसका ऑपरेशन कराने का फैसला किया जबकि उसे पता था कि दिसंबर के प्रारंभ में वह बच्चे को जन्म देने वाली है.

Advertisement

उनका दावा है कि ऑपरेशन करने के बाद जब डॉक्टर को अहसास हुआ कि भ्रूण अभी अविकसित है तब उसने भ्रूण को अंदर छोड़कर टांके लगा दिये . उनका कहना है कि 31 अगस्त को महिला को छुट्टी दे दी गयी और डॉक्टर ने परिवार से कथित रूप से कहा कि वह इसके बारे में किसी न बताए. परिवार के सदस्यों के मुताबिक घर लौटने के बाद मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी और उसके पड़ोसियों एवं रिश्तेदारों को सारी बातें पता चल गयीं. उनके अनुसार तब उन लोगों ने अस्पताल प्रशासन के सामने यह विषय उठाया और उसने जांच शुरू करवायी. महिला फिलहाल उसी अस्पताल में भर्ती है . परिवार के सदस्यों का कहना है कि अल्ट्रासाउंड से पता चला है कि भ्रूण को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Exit Polls 2024: Kashmir को मिलेगा पहला हिंदू मुख्यमंत्री? BJP नेता Nirmal Singh ने बताया
Topics mentioned in this article